मुस्कान है नारी

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… नारी जीवन का संबल है, और संबल ही नारी है। नारी नहीं है शब्द का मुखडा़, सब परिभाषा नारी है। नारी शब्द में खुशबू भरी है, चम्पा,चमेली,मोगरा की नारी नहीं बस वह इस धरा की, जीवन पालनहारी है। नहीं कभी भी मुरझाई है, नहीं … Read more

शकुंतला ने कब दुष्यंत को छोड़ा था…

डॉ.नीलिमा मिश्रा ‘नीलम’  इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) ************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… शकुंतला ने कब दुष्यंत को छोड़ा था, सीता ने कब राम को पथ में छोड़ा था। यशोधरा की ग़लती मुझे बताओ तुम, सहा उर्मिला ने जो दर्द मिटाओ तुम॥ त्याग दिया नारी को कष्ट सहा उसने, हर क्षण प्रतिपल प्रतिपद दर्द सहा उसने। … Read more

बसंती हवा

सुनीता बिश्नोलिया चित्रकूट(राजस्थान) ****************************************************** इठलाती-मुस्काती गाती,बिन सरगम के गीत, चली बसंती हवा ढूंढने,अपने मन का मीत। तरु की हर डाली छूकर,बागों में चले मचलती, सांय-सांय के सुर में गा,बासंती रंग बिखराती। कोमल-पर्ण फुल्लित पुष्पों से,सजा तरु का गात, हरी-भरी वसुधा पर होती,रंगों की बरसात। पवन बसंती चली खेत में,फूल रही हर क्यारी, सरस रहे खेतों … Read more

सुकून

सुषमा मलिक  रोहतक (हरियाणा) ************************************************************************************* लंबे अरसे के बाद आज की रात हम सुकून से सोए हैं, भूलकर सारी दुनिया को फिर से हम खुद में खोए हैं। चैन भी नहीं मिला नींद भी मुक्कमल नहीं थी.., बीत जाती जो घड़ी लगा कि बस वही सही थी..। कुछ बातें थी अनकही कुछ पर तो मैंने … Read more

‘अमर अकबर एंथोनी’…यादों के झरोखे से

इदरीस खत्री इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************* भाग २……… ‘अब तक छुपाए रखा,शोला दबाए रखा, देख के तुमको दिल बोला है हमको तुमसे हो गया है प्यार…’ यह वह लाजवाब गाना है जिसमें देश के महानतम गायकों का एक गुलदस्ता था,जो फ़िल्म इतिहास में केवल एक बार हो पाया था। गाना गाया था मुहम्मद रफ़ी,लता मंगेश्कर, किशोर कुमार … Read more

आत्मजा

विजयलक्ष्मी विभा  इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* ‘आत्मजा’ खण्डकाव्य से अध्याय-५ अब यौवन ने ली अँगड़ाई, लगी बिहँसने-सी तरुणाई जैसे बासन्ती बेला में, ललित प्रभाती की अरुणाई। अंग-अंग से लगी छलकने, यौवन की मदिरा अनजाने देख-देख अपनी ही छाया, लगी स्वयं से वह शर्माने। आँखों से आमंत्रण छलके, अधरों से छलकी मुस्कानें वाणी से कविताएँ छलकीं, पग-गति से … Read more

अयोध्या विवाद बातचीत से हल करें

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** पूरा पिछला हफ्ता भारत-पाक मुठभेड़ में निकल गया। इस बीच हमारे सर्वोच्च न्यायालय ने तीन बड़े फैसले किए,जिनकी खबरें तो छपीं लेकिन उन पर खास ध्यान नहीं दिया गया। ये तीन फैसले क्या थे-पहला, राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का! दूसरा-जंगलों की जमीन से खदेड़े जानवाले निवासियों का और तीसरा-अरावली … Read more

देश के वीरों

संतोष भावरकर ‘नीर’  गाडरवारा(मध्यप्रदेश) *********************************************************** देश के वीरों का हम, सब करते आह्वान हैं। होता स्वदेश पर हर, भारतवासी कुर्बान है। चकाचौंध भरी धरा,  दृष्टि रखते हम विशाल सुख-वैभव तज,पंत पर, सदा होता ध्यान है। परिवर्तन की आंधी का, उदघोष लिए अब मानव ही करता नित-नित, नए उत्थान है। वीरों उठो दृढ़ प्रतिज्ञा कर,  दिल … Read more

शांत हवा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  *********************************************************************************- शीतल मंद समीर एकदम शांत। कहीं से मन में उठता कोई बगुला-सा, दूसरे ही पल सब कुछ शांत। अंतर्मन में उठता हुआ तूफान, अभी कुछ ही दिन तो हुए थे शादी को, एकाएक बह निकली, आँखों से आँसू की धार। छत पर बैठे, मेरे बालों में गजरा गूँथ रहे … Read more

नव वर्ष

छगन लाल गर्ग “विज्ञ” आबू रोड (राजस्थान) **************************************************************************** (रचना शिल्प:विधान-३० मात्रा, १६, १४ पर यति। कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत। अंत में वर्णिक भार २,२,२) बीत रही तिमिर घिरी रैना,नव वर्ष प्रभा फैली है। द्वार उदयगिरि रोशन आभा,खिली रश्मि अलबेली है। विगत दिनों की भूल चूक को,अरुणोदय में देखा है। तम से मिली … Read more