कौन सुनेगा धरा की गुहार ?

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** स्वच्छ जमीन-स्वच्छ आसमान... आसमान दिखता था कभी स्वच्छ,अब फैलते प्रदूषण से हो रहा धुंधलाजबसे खफा होकर,एक तारा टूटाआँसमा से,धरती पर आते हीहो गया ओझल।ये वैसा ही लगा,जैसे…

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प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरित

इंदौर। रविवार की शाम को इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित साहित्य उत्सव में साहित्यिक प्रतियोगिताओं के पुरस्कार मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश युवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. निशांत खरे ने वितरित किए।…

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ये तो नाइंसाफी है

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** बेतरतीब भभकती एक आग को देखा,उसमें सुलगते नफरत के अंगारे देखेहिन्दू-मुस्लिम की उसमें ज्वालाएं देखी,फिर भी लोगों में आपसी भाईचारे देखे। कुछ लोग लगे हैं बस…

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संभालो जरा

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** स्वच्छ जमीन-स्वच्छ आसमान... स्वर्ग-सी धराजीव की साँस यहीसंभालो जरा। पर्यावरणअनमोल है वायुन हो क्षरण। ये पंचतत्वकरें जरा सचेतयही अस्तित्व। ये प्रदूषणमिटा देगा सबकोनिभाओ धर्म। जल जीवनयूँ सेहत…

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मिलता नहीं…

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* हम जो चाहते हैं हमें वो मिलता नहीं,हमें जो मिलता है, वो हम चाहते नहीं। फिर भी उम्मीद पर जीती है ये दुनिया,चाहें सब…

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आसमान

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** स्वच्छ ज़मीन-स्वच्छआसमान... यह जीवन के सुखद अहसास और सुकून का उत्सव है,पर्यावरण दिवस पर राष्ट्राभिनंदन से लगता महोत्सव है।यह जीवन के एक सुखद अनुभव का श्रंगार है,स्वस्थ तन-मन का…

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अरविन्द कुमार साहू को मिलेगा ‘गोविंद सिंह बिष्ट बाल साहित्य सम्मान-२०२३’

रायबरेली (उप्र)। बाल साहित्य संस्थान (अल्मोड़ा, उत्तराखंड) द्वारा देश के प्रतिष्ठित बाल साहित्यकारों की पुस्तकों पर दिया जाने वाला अभा 'गोविंद सिंह बिष्ट बाल साहित्य सम्मान एवं पुरस्कार २०२३' इस…

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कवि

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** जल अनल बनाये जो,आग पिये जातेजग हलचल लाये वो…। धुएँ में तैराते,कहते कवि जिनकोभावों से नहलाते…। पल महल बना अम्बर,मेघ से ले छतरीये सपनों के पथकर…। कवि…

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पेड़ लगाना शुरु करो

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** स्वच्छ जमीन-स्वच्छ आसमान... तप्त धूप में चलते चलते, पड़े पाँव में छाले हैं,छाँव कहीं भी नजर न आए, सारे वृक्ष काट डाले हैंपंखी सारे तड़प रहे हैं,…

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मन की बात

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** स्वच्छ जमीन-स्वच्छ आसमान... समझाऊँ कैसे मैं, मन की बात,जानकर भी बन रहे अनजानस्वस्थ जीवन को चाहिए,स्वच्छ जमीन, स्वच्छ आसमान। जीव-जन्तु हैं, धरा पर अनेक,उसमें मनुज सबसे बुद्धिमानहोड़…

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