सुकून

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ "अमन…. मैं ऑफिस जा रही हूँ," राधिका अपने पर्स को उठाते हुए बोली। "ओके बाय टेक केयर…..।"राधिका ने अपनी पुरानी स्कूटी स्टार्ट की और निकलने को…

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कवि मन की बात

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मैं कवि हूँ, कवि अमर जगत,जिसे कालचक्र यशगान करेहूँ अतीत वर्तमान भविष्यत,दर्पण मानक युग मान करे। मैं कवि मन की बात सुनो मगन,बिन लोभ…

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वासना रसायन में उलझे सब

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** आशाओं के सब भँवर टूट गए,तट विहीन हो रही मोह नदियाँतृष्णाओं के जाले फेंक-फेंक कर,पकड़ रहे हैं विकारों की मछियाँ। झुरमुट बन मद झाड़ है उपज…

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लघुकथा प्रतियोगिता हेतु प्रविष्टि ३० जून तक आमंत्रित

इंदौर (मप्र)। क्षितिज संस्था, इंदौर द्वारा २९ अक्टूबर २०२३ को इंदौर में अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन-२०२३ आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर विश्व लघुकथा प्रतियोगिता भी आयोजित की…

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स्मृतियाँ

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** हमारे जीवन में,होती हैंबहुत सारी स्मृतियाँ,कुछ अच्छी और कुछ ख़राब स्मृतियाँअच्छी स्मृतियाँ हमें,खुशी प्रदान करती हैजीवन में आनंद,भर देती है।अच्छी स्मृतियाँ जीने का, आधार प्रदान करती…

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शिक्षा के व्यवसायीकरण पर चिंतन जरूरी

रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** कुछ दिन पूर्व मैं किताब खरीदने गई तो वहाँ एक महाशय अपने बच्चों की किताब खरीदने के लिए पुस्तक विक्रेता से दाम की अधिकता के बारे में…

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भ्रष्टाचार-आतंकवाद पर एक ओर करारा प्रहार साबित होगा

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** आरबीआई ने सिर्फ २ हजार रुपए के नोट की नोटबंदी की बात कही है। ध्यान रखिए कि, इसमें देशवासियों को कोई असुविधा की बात…

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अब कर दो परिवर्तन

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ बहुत पुरानी है यह पीड़ा,अब इसमें कर दो परिवर्तन। मेरे मन को पंथ बना कर,समय कुचलता जाता क्षण-क्षणफेंक हृृदय के फुटपाथों पर,सोई पीड़ाओं पर कंकण।जाग-जाग उठतीं वे लेकर,वही…

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जीवन एक विद्यालय

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** जीवन के सम्पन्न विद्यालय में,गुणों की सीख दी जाती हैसम्पूर्णता हरपल यहाँ खेलती,गुनगुनाती इठलाती फिरतीसदैव सबमें नज़र आती है। इस विद्यालय में परिश्रम व पुरुषार्थ से,मनुष्य को मजबूत बनाया…

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तीसरी पीढ़ी

डॉ.अनुज प्रभातअररिया ( बिहार )**************************** "सुना तुमने, जुगेसर की माँ मर गई..फिर आयेगा मांगने..अब तक तो बीसों बार ले गया। लौटाया एक बार भी नहीं। लिख कर रखा भी है…

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