यह अकेला है

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** हमने जाड़े की सर्दी है झेली,हर गर्मी का मौसम है झेलावसन्त ऋतु की बहारें हैं देखी,देखा वर्षा ऋतु का क्रुद्ध खेला। स्मृति के विलासित गहवार में,हैं…

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सृष्टि और जीवन

रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** आना-जाना इस सृष्टि का, आओ बताएँ रहस्य गहरापंच तत्व की काया पर, दे रही ज्यों साँस पहरा। बुद्धि का विवेक निशदिन, देता है मन को भाषणकार्य सफल कर ले प्राणी, काल…

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डॉ. गीतांजलि अरोड़ा को मिले ३ साहित्यिक सम्मान

नई दिल्ली। साहित्यिक मंच काव्य मंजरी का वार्षिकोत्सव 'वल्लरी' बड़े उत्साह से मनाया गया। राजधानी के गांधी शांति प्रतिष्ठान के सभागार में इस समारोह में ट्रू मीडिया काव्य मंच की…

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‘कविता-उत्सव’ १९ फरवरी को

जालंधर (पंजाब)। हिन्दी लेखक संघ पंजाब द्वारा १९ फरवरी (रविवार) को विरसा विहार, जालन्धर में 'कविता-उत्सव' आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम संयोजक एवं संघ के अध्यक्ष राजेंद्र टोकी और…

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डॉ. जवाहर कर्नावट को भारत सरकार का ‘विश्व हिंदी सम्मान’

इंदौर (मप्र)। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध लेखक एवं वक्ता डॉ. जवाहर कर्नावट को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा 'विश्व हिंदी सम्मान' के लिए चयनित किया गया है। वैश्विक स्तर पर…

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बजट:शिक्षा और स्वास्थ्य में क्रांतिकारी पहल जरूरी

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* कोई सरकार कैसा भी बजट पेश करे, विरोधी दल उसकी आलोचना न करें, यह संभव ही नहीं है। विरोधी दलों की आलोचनाएं हमेशा असंगत होती हैं, ऐसा…

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वक्त की पहचान

सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** वक्त ने वक्त से व़ाकिफ,करा व्यक्तित्व संग जीवनव्यवस्थित कर,व्यक्ति पौरूषत्व में समदर्शी बन वक्त सेनेह जोड़,जीना सिखा दिया। राहें जटिल हो सच्चाई,के और अपना होपराए-सा तो,आपका सुवक्त…

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प्रेम हमारा

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ***************************************** झिलमिलाते तारों में,चमकता चंद्रमासा,प्रेम हमारा। भोर का दमकता रवि,समुद्र-सा गहरा औरआकाश से ऊँचा,प्रेम हमारा। मधुबन में खिले पुष्प की महकऔरसीपी में जन्मे मोती-सा,प्रेम हमारा। इतराती तितली,कोयल की…

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मन पर तो विश्वास नहीं है

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ मुख से चाहे जो कहला लो,मन पर तो विश्वास नहीं है। क्या जानूं किस दिन इस मन की,दुनिया से अनबन हो जायेक्या जानूं किस दिन सपनों से,इसका गठबन्धन…

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वो लड़की…

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ जिंदगी के मंच पर अकेली,वो लड़की..तन्हा, दर्द, घाव, सहती-सी,हृदय की दराज में कुछ रखती सीकुछ अनकहा, कहती सी,गुजरते लम्हों की, खामोशी-सी।एक मकाम पर, तन्हा गुजरती,अपनी ही…

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