मुझे रोना आता है…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** फटी बिवाई देख,मुझे रोना आता हैवो मजदूर है साहब,जिसे खोना आता है। अपने अरमानों को,दिल में छिपे ख्वाबों कोपसीने से लथपथ,आँख भिगोना आता है। चिलचिलाती धूप में,वो…