बात कीजिए, संवाद साधिए

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** निरंतर संवाद एक मनोवैज्ञानिक चिकित्सा के समान है, जो लोगों को अकेलेपन और नैराश्य से दूर रखता है। संवाद मानसिक संबल प्रदान करने के साथ-साथ सुरक्षा…

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आतंकवाद-एक अपराध

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** आतंकवाद एक अपराध है,ज़िन्दगी की सबसे क्रूरतम सौगात हैनन्हें-नौनिहालों को देता आघात है,नवजवानों को देता प्रतिघात है। यहां यह एक वैश्विक उबाल है,नैतिकता का नहीं दिखता सवाल हैमजबूरियाँ भी…

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एक दोपहर की गर्मी

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* आह, उफ! की गर्मी है,कितनी हो रही बेचैनीआग बरसा रहा है सूरज,तप रही है माँ धरतीजन पशु पक्षी तड़प रहे,देखें हम सब खिड़की सेपत्ता-पत्ता है…

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मिट्टी और मानव

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** श्रम से मिट्टी खोद कर, ढोता है वो भार।लाकर उसको रोंदता, देता है आकार॥ दीप,सुराही,घट घड़े, होते विविध प्रकार।कुम्भकार निज कर्म को, करता है साकार॥ ठोक…

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भूख

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* मिट्टी का चूल्हा,चूल्हे पर देगदेग में पानी,झूठी कहानीपेट की आग,बुझाए ना पानीचूल्हे में लकड़ी,लकड़ी टेढ़ी-मेढ़ीटेढ़ी लकड़ी में आग,आग पीली औ लाललाल-लाल अंगारेअंगारों पर राखराख की परतपरतों…

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जीना दूभर आज

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* मँहगाई की मार से, मरता अब इंसान।मँहगाई-आतंक है, नहीं कोय अंजान॥ मँहगाई ने कर दिया, जीना दूभर आज।छाती पर चढ़कर करे, मँहगाई अब राज॥ कमा-कमाकर…

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अपना आसन

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************** अपना आसन ले बना, फिर करना तू ध्यान।सच्चे मन से पूजना, आएँगे भगवान॥आएँगे भगवान, करेंगे पूरी आशा।कट जाएगी पीर, हटेगी घोर निराशा॥कहे 'विनायक राज', ध्यान…

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हालात

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)****************************************** लोग लगे हैं छीनने, आजकल एक-दूसरे का निवाला,फिर कर रहे हैं उम्मीद कि, हो जाए अंधेरे में उजाला। इंसाफियों के नाम पर, कर रहे हैं हम…

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माँ, तुम कितनी सुंदर…

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** माँ मेरी तुम कितनी सुंदर,है मन में ममता का समंदर। श्याम वर्ण दुबली है काया,कृष्ण का जैसे रूप समाया। आँखों के नीचे स्याह घेरे,जीवन में…

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कांग्रेस:बहुसंख्यक मतदाता को फिर जोड़ने की असल चुनौती

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ****************************************** देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के ‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ में दल के बुनियादी मसलों और चुनौतियों से निपटने को लेकर ठोस निष्कर्ष भले न निकला…

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