प्रतीक्षा
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** करते-करते इंतजार अब सूख चुका आँखों का पानी,इस बहार के मौसम में भी मुझको लगती है वीरानी।दीवाना दिल बात न माने हरदम तेरा नाम पुकारे,राह निहारूँ तेरी साजन इंतजार में बाँह पसारे॥ युग बीते परदेस गये तुम भूल गये हो मुझको साजन,करूँ प्रतीक्षा कबसे बैठी बीत गये हैं कितने सावन।इक पल … Read more