शरद पूर्णिमा है हितकारी

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************** शरद पूर्णिमा स्पर्धा विशेष….. शरद पूर्णिमा देखो आया। मौसम अनुपम मन को भाया।सुंदर प्यारा चाँद चमकता। अंतर मन है आप दमकता॥ नाम कौमुदी व्रत कहलाए। शुक्लपक्ष शुभ दिन में आए।आज चाँद दिखता है भारी। किरण आज है अति शुभकारी॥ जन्म लिया लक्ष्मी ने सुन लो। मनोकामना मन से गुन लो।बच्चे का … Read more

विधि का विधान

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** विधि का चलता यहाँ विधाना।दृश्य अदृश्य विधान महाना॥ कण-कण जग का विधि संचालित।सारा जग विधि पर आधारित॥ सब निमित्त हैं विधि कर्त्ता हैं।विधि सारे जग के भर्त्ता हैं॥ विधि ही ब्रह्मा विष्णु महेशा।कार्तिकेय अरु बुद्धि गणेशा॥ एकमात्र हैं विधि अविनाशी।क्षिति जल पावक गगन निवासी॥ देख उन्हीं को वही सकल हैं।सर्वगुणी सम्पन्न … Read more

दुर्गा माँ ले अवतार

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************** नव दिन का शुभ पल है आया। दीया मैंने आज जलाया।माँ कब तक तू राज करेगी। नारी कितनी दर्द सहेगी॥ दुर्गा माता ले अवतारी। धरती में सुन पापी भारी।नारी की पीड़ा गोहराऊँ। पग-पग छल को समझ न पाऊँ॥ अवतारी बन के तू आजा। नारी की तू लाज बचा जा।घूम रहे हैं … Read more

मन में राम

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** मन में राम बसा लो मानव।जीवन धन्य बना लो मानव॥कट जाएँगे पातक भारी।राम सुमिर लो हे संसारी॥ अवध बिहारी दशरथ नंदन।कर लो भक्तों शत् शत् वंदन॥ये जग के हैं पालनहारी।राम लला जग के हितकारी॥ पावन सरयू की जल धारा।बसे अवध जग से है न्यारा॥तुलसी राम चरित लिख डाला।प्रभु मूरत मन … Read more

मेरा सुंदर गाँव निराला

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** मेरा सुंदर गाँव निराला। हर्षित मन को करने वाला।शुद्ध हवा जो निसदिन आये। तन-मन को सब शुद्ध बनाये॥ पंक्षी मधुरिम गीत सुनाते। चीं-चीं करके हृदय लुभाते।निर्मल वातावरण लुभाता। सेहत सबके मन को भाता॥ गोबर के कंडे से जानो। धुँआ मारता मच्छर मानो।घर-आँगन है मन को भाता। गोबर से जब है लिप … Read more

कजरी सब गाते हैं

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** सावन सुन्दर मौसम आया।हर्षित मन सब है मुस्काया॥पेड़ों पर झूले हैं लगते।पिया मिलन को विरहिन सजते॥ लगती प्रेम झड़ी अँखियन में।खुशियाँ उमड़ रही सखियन में॥मिलकर कजरी सब गाते हैं।अद्भुत आनन्द सुख पाते हैं॥ पिया मिलन की आस जगी है।सावन में भी प्यास लगी है॥कोयल भी अमुवा मुस्काते।पीर हृदय में वही … Read more

ग्रीष्म ऋतु

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** तेज धूप की अद्भुत माया। सूर्य आग गोला बरसाया॥ जीव जन्तु सब व्याकुल होते। नीर बिना मानव हैं रोते॥ नदी ताल सब सूख रहे हैं। देख धरा तप पवन बहे हैं॥ वन उपवन पतझड़ के मारे। सूने-सूने जंगल सारे॥ आसमान पर बादल छाते। नहीं मेघ जल मृदु बरसाते।। … Read more

नारी

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* नारी रत्न अमूल्य धरा पर। ईश्वर रूप सकल सचराचर॥ राम कृष्ण जन्माने वाली। सृष्टि धर्म की सत प्रतिपाली॥ बेटी बहिन मात अरु दारा। हर प्रतिरूप मनुज उद्धारा॥ नारी जग परहित तन धारी। सुख-दु:ख पीड़ा सहे दुधारी॥ द्वय घर की सब जिम्मेदारी। बिटिया वहन करे वह सारी॥ पढ़ी लिखी जब होती नारी। … Read more

नया समाज

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** जब जब नव विचार आता है। तभी समाज अभय गाता है ॥ नव जीवन उमंग जब भरते। नए विचार समाज विरचते॥ भाव विचार यथा मन चलते। परिवर्तन के लिए मचलते॥ आती गति विकास की मन में। वही निखरती परिवर्तन में॥ अच्छा सोचे भला विचारें। भली सोच समुदाय निखारें॥ जनहित भाव … Read more

धरा-चालीसा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* दोहा- धरा धर्म हित कर्म कर,जीवन मनुज सुधार। संरक्षण भू का किए,भव जीवन आधारll चौपाई- प्रथम नमन करता हे गजमुख। वीणापाणी शारद मम सुखll गुरु पद कमल नमन गौरीसा। आज लिखूँ धरती चालीसाll नमन धरा हित कोटि हमारा। जिस पर गुजरे जीवन साराll मात समान धरा आचरनी। धरा हेतु हो जीवन … Read more