आत्मनिर्भर हम बनें
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** अपने को अपना कहें,स्वीकारें भी अन्य। अच्छाई जिसमें दिखे,बनाये उसे अनन्य॥ आत्मनिर्भर हम बनें,चलें देश के साथ। उत्पादक जो देश का,स्वीकारें बढ़ हाथ॥ कर्मवीर मजदूर हम,आत्म निर्भर समाज। रनिवासर मिहनतकसी,स्वागत नव आगाज॥ स्वाभिमान रक्षण स्वयं,बढ़े सुयश सम्मान। हर्षित मन जीवन मनुज,निर्भर खु़द इन्सान॥ सक्षम हम सर्वांग से,कर सकते … Read more