एक और प्रिया का अंत

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** नीना ने जैसे ही सुबह का समाचार-पत्र हाथ में लिया,सबसे पहले दुखद समाचार पर नजर पड़ी।आज फिर एक परी का बलात्कार…वह बिलकुल मरणासन्न अवस्था में हो गई।वह फिर बीते दुखी दिनों की याद में खो गई। भूलने पर भी अपने कलेजे के टुकड़े के साथ हुई घटना को नहीं भूल पाती। मेरी … Read more

चहकती चिड़िया

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)************************************************ ‘दिदिया,चलो अब हमारे साथ हमारे गाँव चलो,यहाँ हम आपको अकेला नाहीं छोड़ेंगे।’ जब रामवती ने अपनी मालकिन सुमित्रा जी से यह कहा तो वह सोच में पड़ गई। कोरोना का कहर चरम सीमा पर था। ‘तालाबंदी’ के कारण जैसे जिन्दगी थम गई थी। सुमित्रा जी रिटायर्ड प्रिंसिपल थी। उन्होंने शादी नहीं की … Read more

किन्नर माँ

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)************************************************ मन्नत बहुत देर से रो रही थी। सब उसको चुप कराने में लगे थे,पर उस की एक ही रट थी मेरे पापा कहां है ? सब बच्चों के पापा आते हैं। सुमी ने कभी उसे पिता की कमी महसूस नहीं होने दी। यह वह बस्ती थी,जहां सब आन्टी थी कोई अंकल नहीं।मन्नत … Read more

संकल्प

रोहित मिश्र,प्रयागराज(उत्तरप्रदेश)********************************************** सड़क हादसे में रवि अपना एक पैर गंवाने से पूरी तरिके से सदमे में आ चुका था। वही इकलौता घर में कमाने वाला सदस्य था। बुजुर्ग माँ-बाप भी परेशान हुए जा रहे थे कि अब उनके बेटे से शादी कौन करेगा ? रिश्तेदार और पड़ोसी भी धीरे-धीरे रवि के परिवार से मुँह फेरने … Read more

अंतरात्मा की आवाज

विजय कुमार, अम्बाला (हरियाणा)******************************************* ‘दादू,क्या यह सच है कि आप पहले सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी किया करते थे ?’ चौदह साल के पोते ने कुलदीप से सवाल किया।‘हाँ बेटा,पर तुम्हें किसने कहा ?’ कुलदीप ने पूछा।‘मम्मी ने।’ पोते ने कहा।‘और क्या बताया तेरी मम्मी ने ?’ कुलदीप ने कुरेदा।‘यही कि आपको एक बार अपनी ड्यूटी … Read more

अमृत,विद्यालय और अकेला चना

डॉ.अर्चना मिश्रा शुक्लाकानपुर (उत्तरप्रदेश)*************************************** संध्या,पप्पी,मंजू और सुधा पास ही के गाँव के उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते थे। चारों एक ही गाँव के थे,इसलिए विद्यालय भी सब साथ में ही जाते थे। बातें करते कब रास्ता पार हो जाता,पता ही नहीं चलता था। इस उमर में संगी-साथी ही सब कुछ होते हैं। कहीं जाना हो … Read more

कोई अपना-सा

शिवनाथ सिंहलखनऊ(उत्तर प्रदेश)**************************************** पीताम्बर जब प्राइवेट वार्ड के एक कमरे में पहुँचा तो देखा कि बाबू विलासराव बिस्तर पर अचेतावस्था में पड़े हुए थे। एक ओर कैथेटर लगा था तो दूसरी ओर एक-दो मशीनें भी। उनके पास दवाओं का ढेर जरूर लगा हुआ था पर पास में कोई सहयोगी न था। बहुत अजीब-सा वातावरण था,तभी … Read more

तुम केन्द्र हो,हम धुरी

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)****************************************** महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… दफ़्तर से घर लौटते ही रमेश निढाल होकर पलँग पर पड़ गया,आज उसके चेहरे पर बहुत ज़्यादा उदासी और थकान के भाव थे। पत्नी आशा ने पूछा -‘क्या बात है ? सब ठीक तो है न ? आप बहुत उदास और थके हुए से लग रहे हैं। … Read more

प्रारब्ध

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)****************************************** देर रात को नशे में घर लौटे बेटे को नरेश बाबू ने समझाते हुए कहा कि-‘बेटा ऐसा कब तक चलेगा…? तुम रोज देर रात घर लौटते हो,वो भी नशे में,अपने आवारा दोस्तों की संगत में कुछ ज़्यादा ही बिगड़ गए हो। कोई छोटी-मोटी प्रायवेट नौकरी क्यों नहीं ढूंढ लेते। हम कब … Read more

बिल्ली और चूहा

डॉ. हंसा दीपटोरंटो (कैनेडा)************************** बीड़ी के कश खींचता हुआ वह लगातार ताक रहा था उस ओर,जहाँ आकाश और धरती एक होने जा रहे थे। सुबह की चहल-पहल शुरू हो गई थी। सभी मर्द खेतों की ओर जा रहे थे। मंगल्या बहुत देर से यूँ ही बैठा था। रात में भी न सो पाया था,न खा … Read more