तुम केन्द्र हो,हम धुरी

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)****************************************** महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… दफ़्तर से घर लौटते ही रमेश निढाल होकर पलँग पर पड़ गया,आज उसके चेहरे पर बहुत ज़्यादा उदासी और थकान के भाव थे। पत्नी आशा ने पूछा -‘क्या बात है ? सब ठीक तो है न ? आप बहुत उदास और थके हुए से लग रहे हैं। … Read more

प्रारब्ध

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)****************************************** देर रात को नशे में घर लौटे बेटे को नरेश बाबू ने समझाते हुए कहा कि-‘बेटा ऐसा कब तक चलेगा…? तुम रोज देर रात घर लौटते हो,वो भी नशे में,अपने आवारा दोस्तों की संगत में कुछ ज़्यादा ही बिगड़ गए हो। कोई छोटी-मोटी प्रायवेट नौकरी क्यों नहीं ढूंढ लेते। हम कब … Read more

बिल्ली और चूहा

डॉ. हंसा दीपटोरंटो (कैनेडा)************************** बीड़ी के कश खींचता हुआ वह लगातार ताक रहा था उस ओर,जहाँ आकाश और धरती एक होने जा रहे थे। सुबह की चहल-पहल शुरू हो गई थी। सभी मर्द खेतों की ओर जा रहे थे। मंगल्या बहुत देर से यूँ ही बैठा था। रात में भी न सो पाया था,न खा … Read more

आधा मुनाफ़ा

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)******************************** “भाभी,आप अपनी सेहत का भी ध्यान रखा करो न…माँ का ध्यान रखते रखते..आप कैसी दिखने लगी हो !” अंकिता ने उदासीन होते हुए अपनी भाभी के गालों को पकड़ कर हिलाते हुए कहा…।अंकिता माँ के पैर की हड्डी टूट जाने के बाद ससुराल से तुरन्त नहीं आ सकी थी,इसलिए अब..जब पंद्रह दिनों बाद … Read more

शब्दों का खेल

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** बाबू जी,माँ का हाथ पकड़ कर बच्चों की तरह रोये जा रहे थे,-‘बीनू की माँ मुझको छोड़ कर मत जाना। देखो तुम्हारे बिना मैं जिंदा नहीं रह पाऊँगा।’माँ की तबियत खराब होने पर बाबूजी हमेशा हीडर जाते थे। माँ ने धीरे से आँखें खोलीं और फिर उन्हें समझाते हुए बोलीं,-‘मैं कहीं नहीं जाऊँगी … Read more

‘पराकाष्ठा’

शिवनाथ सिंहलखनऊ(उत्तर प्रदेश)**************************************** मानवी और रमणीक को हवनकुंड के चारों ओर सात फेरे लिए हुए अभी कुछ ही दिन बीते थे कि,एक दिन रमणीक ने मानवी से कहा-‘मानवी, आज रात को हमें एक पार्टी में चलना है इसलिए तुम अपनी तैयारी पूरी करके रखना और यदि ठीक समझो तो अपनी शादी वाली पोशाक ही पहन … Read more

मधुमक्खी

डॉ. हंसा दीपटोरंटो (कैनेडा)************************** बेबी सीटर हेज़ल जब से आने लगी है,घर का माहौल ही बदल गया है। बेबी भी बहुत ख़ुश है। जितने प्यार से हेज़ल लोरी सुनाती है, गाती है,बेबी नव्या मुस्कुराती हुई सो जाती है। उसके सोने के बाद भी कमरे के माहौल में वह गाना देर तक गूँजता रहता है। प्यार … Read more

ठिठुरती सुबह

डॉ.शैल चन्द्राधमतरी(छत्तीसगढ़)**************************************** दिसम्बर का आखिरी सप्ताह था। कड़ाके की ठंड पड़ रही थी।शीत लहर के प्रकोप से पूरे शहरवासी कांप रहे थे,फिर भी कहीं क्रिसमस तो,कहीं नए वर्ष का उत्साह लोगों में छाया था। कोई पिकनिक में जाने की तैयारी में था तो कोई क्रिसमस का महँगा केक आर्डर दे रहा था। युवा वर्ग न्यू … Read more

आलोक

कंचन कृष्णा मौर्यामुंबई(महाराष्ट्र)************************** मकर संक्रांति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व है। इसे पूरे भारत और नेपाल में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। जैसे-तमिलनाडु में इसे पोंगल नाम से,कर्नाटक-केरल में संक्रांति, गुजरात में उत्तरायण तथा उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश,बिहार में खिचड़ी के नाम से जाना जाता है। संक्रांति खुशियों का पर्व है। जिस तरह आकाश … Read more

मकर संक्रांति फिर कब आएगी माँ ?

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** मकर सक्रांति स्पर्द्धा विशेष…. ‘चिंकी जल्दी-जल्दी कदम बढ़ाओ। आज बहुत देर हो गई है। सालभर का त्योहार है। मुझे भी आज ही लेट होना था। सारा काम मालकिन को अकेले ही करना पड़ रहा होगा।’‘अरे माँ ! चल तो रही हूँ। मेरे छोटे-छोटे से पैर,तो कदम भी छोटे ही होंगे।’‘हाँ-हाँ,ठीक … Read more