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नई शिक्षा प्रणाली में मातृभाषा का बेहतर योगदान

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’
ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर)

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नई शिक्षा प्रणाली में मातृभाषा को सम्मिलित करने का मुख्य उद्देश्य उसे सशक्त बनाना है,जो लुप्त होने की कगार पर है। इससे उसे नया जीवनदान मिलेगा और बच्चों को अपनी संस्कृति से जोड़े रखने में सहायता मिलेगी।
सर्वविदित है कि नई शिक्षा नीति-२०२०
को कैबिनेट की स्वीकृति मिल चुकी है। इससे पहले १९८६ में शिक्षा नीति लागू की गई थी। १९९२ में इस नीति में कुछ संशोधन किए गए थे। अर्थात ३४ साल बाद देश में एक नई शिक्षा नीति लागू की जा रही है, जिसमें शाला से उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं।
इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि पाँचवी कक्षा तक मातृभाषा अर्थात स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई का माध्यम रखने की बात कही गई है,जिसे कक्षा ८ या आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
नई शिक्षा नीति में यहां तक कहा गया है कि किसी भी भाषा को थोपा नहीं जाएगा, जिससे मातृभाषा को ही नहीं,बल्कि स्थानीय लेखकों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। उनकी पुस्तकों को स्थान मिलेगा,लेखकों को प्राथमिकता एवं पहचान मिलेगी,जिससे उनको लेखन कार्य में स्वरोजगार प्राप्त होगा।
अतः नई शिक्षा प्रणाली से मातृभूमि की मातृभाषा एवं मातृभाषा के कलमकारों को संजीवनी आशीर्वाद प्राप्त होगा। इससे ‘आम के आम और गुठलियों के दाम’ वाली कहावत सम्पूर्ण चरितार्थ होगी।

परिचय–इंदु भूषण बाली का साहित्यिक उपनाम `परवाज़ मनावरी`हैL इनकी जन्म तारीख २० सितम्बर १९६२ एवं जन्म स्थान-मनावर(वर्तमान पाकिस्तान में)हैL वर्तमान और स्थाई निवास तहसील ज्यौड़ियां,जिला-जम्मू(जम्मू कश्मीर)हैL राज्य जम्मू-कश्मीर के श्री बाली की शिक्षा-पी.यू.सी. और शिरोमणि हैL कार्यक्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों से लड़ना व आलोचना है,हालाँकि एसएसबी विभाग से सेवानिवृत्त हैंL सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आप पत्रकार,समाजसेवक, लेखक एवं भारत के राष्ट्रपति पद के पूर्व प्रत्याशी रहे हैंL आपकी लेखन विधा-लघुकथा,ग़ज़ल,लेख,व्यंग्य और आलोचना इत्यादि हैL प्रकाशन में आपके खाते में ७ पुस्तकें(व्हेयर इज कांस्टिट्यूशन ? लॉ एन्ड जस्टिस ?(अंग्रेजी),कड़वे सच,मुझे न्याय दो(हिंदी) तथा डोगरी में फिट्’टे मुँह तुंदा आदि)हैंL कई अख़बारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैंL लेखन के लिए कुछ सम्मान भी प्राप्त कर चुके हैंL अपने जीवन में विशेष उपलब्धि-अनंत मानने वाले परवाज़ मनावरी की लेखनी का उद्देश्य-भ्रष्टाचार से मुक्ति हैL प्रेरणा पुंज-राष्ट्रभक्ति है तो विशेषज्ञता-संविधानिक संघर्ष एवं राष्ट्रप्रेम में जीवन समर्पित है।

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