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चलो इस बार…

मयंक वर्मा ‘निमिशाम्’ 
गाजियाबाद(उत्तर प्रदेश)

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यूँ बात-बात पर लड़ना-झगड़ना,
छोटी-छोटी ख़ामियों पर तंज़ कसना।
आँखें दिखा कर मेरा मुँह पलटना,
गुस्से में तुम्हारा कभी घर से निकलना।
पास रहकर दूरियां बहुत देख लीं-
चलो इस बार फासलों में नजदीकियां ढूंढते हैं॥

एक छत तो थी,पर दीवारें दायरा बन गयीं,
साथ रहकर भी साथ रह ना सके हम।
बोला तो बहुत कुछ तुमने भी और मैंने भी,
दिल के जज़्बात पर कभी समझ ना सके हम।
लफ़्ज़ों के मतलब ग़लत होते बहुत देख लिए-
चलो इस बार खामोशियों के सही मायने ढूंढते हैं॥

तुम्हें चुनने का फैसला मेरा गलत था सालों पहले,
या उस वक़्त मुझे ‘हाँ’ कह के तुमने गलती की थी।
क्या ये वही मलाल है या जो है उसकी कद्र नहीं,
इसी उधेड़बुन में,कितनी रातें चादर गीली की थी।
खामियां बहुत तलाशी एक-दूसरे के फैसलों में-
चलो इस बार खुद के फैसलों पर नाज़ करते हैं॥

बेवजह रूठकर हर बार मनाने की उम्मीद में,
ना जाने कब से,अब हमेशा ही नाराज़ रहने लगे हम।
बेइंतहा प्यार के वादे ना जाने कहां दफ़न हो गए अब,
दो पल की बातों में अब जिरह करते,लड़ने लगे हम।
आपस में बोल-बोल के कोई नतीजा निकल नहीं सका-
चलो इस बार ठहर के,खुद से बातें करके देखते हैं॥

उम्मीदें तुम्हें भी थी मुझसे,कुछ मेरी भी मुरादें थी,
वो दौर भी था हम दोनों थे एक-दूजे का सबब।
आलम ये है, तुम कहती हो हस्ती मिटी तुम्हारी,
मैं समझूँ साथ निभाने में मैंने खोया सब।
एक-दूसरे में ख़ुद को काफ़ी खोज लिया-
चलो इस बार ख़ुद की एकाकी शख्सियत ढूँढते हैं॥

नादानियों को जुर्म ना जाने कबसे साबित करने लगे,
रूठने मनाने की अठखेलियाँ कब वजह बन गयी।
एक-दूसरे को दर्द देने में अब मज़ा आने लगा है,
दूरियाँ इतनी बढ़ीं कि किसी और की जगह बन गयी।
दुनिया की रस्मों में बंध कर रिश्ता बहुत निभा लिया-
चलो इस बार रिवाजों से परे खुद की सुनते हैं॥

परिचय-मयंक वर्मा का वर्तमान निवास नई दिल्ली स्थित वायुसेना बाद (तुगलकाबाद)एवं स्थाई पता मुरादनगर,(ज़िला-गाजियाबाद,उत्तर प्रदेश)है। उपनाम ‘निमिशाम्’ है। १० दिसम्बर १९७९ को मेरठ में आपका जन्म हुआ है। हिंदी व अंग्रेज़ी भाषा जानने वाले श्री वर्मा ने बी. टेक. की शिक्षा प्राप्त की है। नई दिल्ली प्रदेश के मयंक वर्मा का कार्यक्षेत्र-नौकरी(सरकारी) है। इनकी लेखन विधा-कविता है। लेखनी का उद्देश्य-मन के भावों की अभिव्यक्ति है। पसंदीदा हिंदी लेखक व प्रेरणापुंज डॉ. पूजा अलापुरिया(महाराष्ट्र)हैं।

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