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नुकसान

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’
मुंबई(महाराष्ट्र)

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कक्षा में आज अज्जू के प्रथम सत्र की परीक्षा का परिणाम दिखाया जाने वाला था। अज्जू के माता पिता व्यवसायिक होने के कारण काफी व्यस्त रहते थे, मगर जैसे-तैसे उसका ‘ओपन डे’ जरूर अटेंड करते थे। ओपन-डे के लिए कक्षा में सभी छात्रों सहित उनके माता पिता उपस्थित थे। शिक्षक पहले उन माता-पिता से मिल रही थी, जिनके बच्चे पढ़ाई में कुछ ज्यादा कमजोर थे। एक- दो बच्चों के माता-पिता से मिलने के उपरांत शिक्षक ने अज्जू के माता-पिता को बुलाया।
वे शिक्षक के सामने रखी कुर्सियों पर बैठ गए। बैठते ही मोबाइल की घंटी बजी। अज्जू की माँ ने फोन ‘खामोश’ करने के लिए पर्स से निकाला, पर स्क्रीन पर अंकित नाम देखकर वह फोन कट नहीं कर सकी। माँ ने शिक्षक की तरफ देख माफी मांगते हुए फोन उठाने की इज़ाजत ली। शिक्षक की ओर से ‘हाँ’ का इशारा देख वह फोन उठाने से पहले बोल उठी,-“फोन नहीं उठाया तो लाखों का नुकसान हो जाएगा।”

माँ की बात सुन शिक्षक बोली,-“अगर यहाँ ध्यान न दिया तो करोड़ों का नुकसान हो जाएगा।”

परिचय-डॉ. पूजा हेमकुमार अलापुरिया का साहित्यिक उपनाम ‘हेमाक्ष’ हैL जन्म तिथि १२ अगस्त १९८० तथा जन्म स्थान दिल्ली हैL श्रीमती अलापुरिया का निवास नवी मुंबई के ऐरोली में हैL महाराष्ट्र राज्य के शहर मुंबई की वासी ‘हेमाक्ष’ ने हिंदी में स्नातकोत्तर सहित बी.एड.,एम.फिल (हिंदी) की शिक्षा प्राप्त की है,और पी-एच.डी. की उपाधि ली है। आपका कार्यक्षेत्र मुंबई स्थित निजी महाविद्यालय हैL रचना प्रकाशन के तहत आपके द्वारा ‘हिंदी के श्रेष्ठ बाल नाटक’ पुस्तक का प्रकाशन तथा आन्दोलन,किन्नर और संघर्षमयी जीवन….! तथा मानव जीवन पर गहराता ‘जल संकट’ आदि विषय पर लिखे गए लेख कई पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैंL हिंदी मासिक पत्रिका के स्तम्भ की परिचर्चा में भी आप विशेषज्ञ के रूप में सहभागिता कर चुकी हैंL आपकी प्रमुख कविताएं-`आज कुछ अजीब महसूस…!` ,`दोस्ती की कोई सूरत नहीं होती…!`और `उड़ जाएगी चिड़िया`आदि को विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में स्थान मिला हैL यदि सम्म्मान देखें तो आपको निबन्ध प्रतियोगिता में तृतीय पुरस्कार तथा महाराष्ट्र रामलीला उत्सव समिति द्वारा `श्रेष्ठ शिक्षिका` के लिए १६वा गोस्वामी संत तुलसीदासकृत रामचरित मानस,विश्व महिला दिवस पर’ सावित्री बाई फूले’ बोधी ट्री एजुकेशन फाउंडेशन की ओर से जीवन गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया हैL इनकी लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा में लेखन कार्य करके अपने मनोभावों,विचारों एवं बदलते परिवेश का चित्र पाठकों के सामने प्रस्तुत करना हैL