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महिला सशक्तिकरण और जागरूकता की आवश्यकता

इलाश्री जायसवाल
नोएडा(उत्तरप्रदेश)

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महिला सशक्तिकरण आजकल एक ज्वलंत मुद्दा है,ज्वलंत प्रश्न है। `बेटी बचाओ,बेटी बढ़ाओ’,’महिला आरक्षण’ जैसी अनेक बातें हमें लगभग प्रतिदिन ही सुनने को या देखने को मिल जाती हैं। इनका प्रचार करने वाले भी पुरुष ही ज़्यादा होते हैं। हालांकि,स्त्रियां भी इसमें बढ़-चढ़ के हिस्सा ले रहीं हैं,तब भी बात इतनी बन नहीं रही। थोड़ी देर के लिए इस प्रश्न को अलग रखकर सोचते हैं।
इहलोक से परलोक की बात करते हैं तो महिषासुर जैसे दैत्य का दमन करने की शक्ति किसी भी देवता के पास नहीं थीl तब सब देवताओं की शक्ति को मिलाकर एक नवीन शक्ति का निर्माण किया गया,जिसे हम देवी दुर्गा के रूप में पूजते हैं तथा जिन्होंने महिषासुर समेत कई दैत्यों व दानवों का संहार किया। देवी दुर्गा को कोई भी शक्ति पराजित नहीं कर सकती। इहलोक अर्थात धरती भी ऐसे उदाहरणों से भरी पड़ी है। सतयुग से लेकर कलयुग तक ऐसी कई महान नारियों ने जन्म लिया है,जिनके सामने हर कोई नतमस्तक हुआ है। रानी तारामती से लेकर सीता,गार्गी,राधा,रुक्मणि,यशोदा, द्रौपदी,मीरा बाई,जीजाबाई,दुर्गावती,पद्मावती,रजिया सुल्तान, सरोजिनी नायडू,इंदिरा गांधी ,महादेवी वर्मा,किरण बेदी आदि तक स्त्री ने अलग-अलग समय में अलग-अलग रूपों में अपनी शक्ति तथा बुद्धि का न केवल परिचय दिया है,बल्कि सिद्ध भी किया है। इन सब के मध्य में ही स्त्री दमन एवं शोषण भी शुरू हो गया,क्योंकि वे हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ थीं। उनकी श्रेष्ठता से भय खाकर पुरुष प्रधान समाज एवं कुछ स्त्रियों ने विभीषण व जयचंद का पात्र निभाते हुए अन्य सशक्त,गुणी व श्रेष्ठ नारियों का दमन शुरू कर दिया। परिणाम सबके सामने है-स्त्री शक्ति का ह्रास। पिछले कुछ दशकों में नारी सशक्तिकरण के मुद्दे ने तूल पकड़ा है,जिसमें स्त्रियों के साथ-साथ कुछ पुरुषों ने पूरे मनोयोग से साथ दिया है।
ऐसा नहीं है कि,आज की स्त्री निर्बल है या दुर्बल है,वह आज भी सर्वश्रेष्ठ है,किन्तु उसकी गुण,शक्तियां कहीं सुप्त अवस्था में है। हमें नारी को सशक्त करने की नहीं,बल्कि उसे जागरूक करने की आवश्यकता है। नारी सशक्तिकरण बनाम नारी जागृतिकरण ही नारी को फिर से उनका स्थान प्राप्त करवा सकता है।

परिचय-इलाश्री जायसवाल का जन्म १९७८ में २५ जून को हुआ हैl अमरोहा में जन्मीं हैंl वर्तमान में नोएडा स्थित सेक्टर-६२ में निवासरत हैंl उत्तर प्रदेश से सम्बन्ध रखने वाली इलाश्री जायसवाल की शिक्षा-एम.ए.(हिंदी-स्वर्ण पदक प्राप्त) एवं बी.एड. हैl आपका कार्यक्षेत्र-हिंदी अध्यापन हैl लेखन विधा-कविता,कहानी,लेख तथा मुक्तक आदि हैl इनकी रचनाओं का प्रकाशन विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं तथा पोर्टल पर भी हुआ हैl आपको राष्ट्रीय हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार व काव्य रंगोली मातृत्व ममता सम्मान मिला हैl इनकी लेखनी का उद्देश्य-हिंदी-साहित्य सेवा हैl इनके लिए जीवन में प्रेरणा पुंज-माता तथा पिता डॉ.कामता कमलेश(हिंदी प्राध्यापक एवं साहित्यकार)हैंl

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