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बारिश का मौसम

तारा प्रजापत ‘प्रीत’
रातानाड़ा(राजस्थान) 
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बारिश का,
मौसम आया है
बूंदों ने गीत
सुनाया है।
रिमझिम का,
नाद सुनाती है
साजन की,
याद दिलाती हैl
ज़ालिम ने,
बड़ा सताया है
बारिश का,
मौसम आया है।
धुल गए हैं चेहरे,
फूलों के
दिन आ गए हैं,
झूलों के,
ये किसने मुझे
बुलाया है।
सौंधी-सी,
ख़ुशबू आयी है
साँसों में मेरी
समाई हैl
कोई मेरे दिल को,
भाया है,
बारिश का,
मौसम आया है।
अनजानी मन में,
हूक उठी
बागों में कोयल,
कूक उठीl
नयनों में कोई,
समाया है
बारिश का,
मौसम आया है।
अनछुई मन में,
प्रीत जगी
प्रीतम से,
मेरी लगन लगीl
क़िस्मत ने,
तुम्हें मिलाया है
बरिश का,
मौसम आया है।
बूंदों की,
रिमझिम तानों में
मिश्री से घुलती,
कानों मेंl
उड़ी नींदें,
चैन गंवाया है
बारिश का,
मौसम आया है।
तुम आओ,
बहारें आ जाएं
घनघोर घटाएं,
छा जाएंl
तुमने जो,
गले लगाया हैl
बारिश का,
मौसम आया हैll

परिचय-श्रीमती तारा प्रजापत का उपनाम ‘प्रीत’ है।आपका नाता राज्य राजस्थान के जोधपुर स्थित रातानाड़ा स्थित गायत्री विहार से है। जन्मतिथि १ जून १९५७ और जन्म स्थान-बीकानेर (राज.) ही है। स्नातक(बी.ए.) तक शिक्षित प्रीत का कार्यक्षेत्र-गृहस्थी है। कई पत्रिकाओं और दो पुस्तकों में भी आपकी रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं,तो अन्य माध्यमों में भी प्रसारित हैं। आपके लेखन का उद्देश्य पसंद का आम करना है। लेखन विधा में कविता,हाइकु,मुक्तक,ग़ज़ल रचती हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-आकाशवाणी पर कविताओं का प्रसारण होना है।

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