कुल पृष्ठ दर्शन : 262

भय दूर करो

अविनाश तिवारी ‘अवि’
अमोरा(छत्तीसगढ़)

************************************************************************

जब भय का हो आवरण,
सड़को पे दुशासन दिखते हैंl
तब लीलाधर की तर्जनी से,
चक्र सुदर्शन निकलते हैं।

आज भय में बेटी-माताएं,
`निर्भया` भयातुर लुटती हैl
कभी `ट्विंकल` जैसी कली,
वीभत्स कृत्य झेलती है।

भय नापाक इरादे तालिबानियों का,
जो आतंकी ठेकेदार हैl
भय अपनों से भी घर में है,
जो इनके पहरेदार हैं।

भय दूर करो ये भयहर्ता,
सन्धान सुदर्शन कर आओl
है वसुधा भयंतुर पिशाचों से,
इनसे मुक्ति दिलवाओl
हे कृष्ण धरा में फिर आओll

परिचय-अविनाश तिवारी का उपनाम-अवि है। वर्तमान में छग राज्य के जिला सूरजपुर स्थित ग्राम प्रतापपुर में बसे हुए हैं,पर स्थाई पता अमोरा (महंत)है। इनका जन्म २९ मार्च १९७४ में जांजगीर में हुआ है। हिंदी, भोजपुरी,अवधी और छत्तीसगढ़ी भाषा के अनुभवी श्री तिवारी ने स्नातकोत्तर (वाणिज्य) तक शिक्षा हासिल की है। कार्यक्षेत्र-नौकरी (शिक्षक-सरहरी)है।  सामाजिक गतिविधि में शिक्षा के प्रसार के लिए गैर सरकारी संगठन के जरिए कार्यक्रम करते हैं। आपकी लेखन विधा-दोहा, ग़ज़ल,सजल,मुक्तक और हाइकु है। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित होती हैं। अविनाश तिवारी ‘अवि’ की लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा का प्रसार और छत्तीसगढ़ी का सम्मान है। पसंदीदा हिन्दी लेखक-दिनकर जी हैं। आपके लिए प्रेरणा पुंज-हरिओम पंवार हैं। आपकी ओर से सबके लिए सन्देश-“भाषा अपनी सुदृढ़ हो,भाषा से अभिमान,कर्म करें स्वदेश हित में,साहित्य का रख मान” है। आपकी विशेषज्ञता- समसामयिक कविता लिखने में है।

Leave a Reply