सुबोध कुमार शर्मा
शेरकोट(उत्तराखण्ड)
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गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………
आओ मिलकर हम,गणतंत्र दिवस मनाएं,
संविधान का है यह,दिवस सबको बताएं।
आज़ाद भारत में रहकर,भी जो भ्रमित है,
ऐसे भ्रम को उर से,उनके हम मिटाएं।
राष्ट्रहित को त्याग जो नित ज्वाला जलाते।
उनको शांति का पाठ अब कैसे पढ़ाएं ?
प्रश्नचिन्ह लगता है उनके राष्ट्रप्रेम पर।
जो आ सड़कों पर राष्ट्र सम्पदा जलाएं।
जातियता को जो नित अपनी ढाल बनाते,
यह विष-खेल है सत्यता उनको समझाएं।
छोटे-छोटे बच्चे भी आ मांग रहे हैं आजादी,
डर बैठाया जो उनके उर में उसे मिटाएं।
संविधान भूल जो पाक के नारे लगाते,
देशद्रोही हैं वो उन्हें देश से ही भगाएंl
राष्ट्र गान व राष्ट्र गीत सम्मान संविधान का,
विरोध करे इनका वो राष्ट्रभक्त कैसे कहाएंll
परिचय – सुबोध कुमार शर्मा का साहित्यिक उपनाम-सुबोध है। शेरकोट बिजनौर में १ जनवरी १९५४ में जन्मे हैं। वर्तमान और स्थाई निवास शेरकोटी गदरपुर ऊधमसिंह नगर उत्तराखण्ड है। आपकी शिक्षा एम.ए.(हिंदी-अँग्रेजी)है। महाविद्यालय में बतौर अँग्रेजी प्रवक्ता आपका कार्यक्षेत्र है। आप साहित्यिक गतिविधि के अन्तर्गत कुछ साहित्यिक संस्थाओं के संरक्षक हैं,साथ ही काव्य गोष्ठी व कवि सम्मेलन कराते हैं। इनकी लेखन विधा गीत एवं ग़ज़ल है। आपको काव्य प्रतिभा सम्मान व अन्य मिले हैं। श्री शर्मा के लेखन का उद्देश्य-साहित्यिक अभिरुचि है। आपके लिए प्रेरणा पुंज पूज्य पिताश्री हैं।