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नमन देश के वीर सपूतों को

उषा शर्मा ‘मन’
जयपुर (राजस्थान)
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नमन देश के वीर सपूतों को…
थे एक वीर शहीद जिन्हें,
पुकारते थे ‘आशुतोष।’
नई उमंग नहीं तरंग लिए मन में,
उनके कदमों से पराजय थी कोसों-कोस।

नमन देश के वीर सपूतों को…
जिनमें शामिल थे एक वीर ‘अनुज।’
देश भी याद करेगा ऐसे वीर को,
जिनके कर्म-कर्तव्य में समाया था मनुज,
इन वीरों ने ही दिलाई विजय इस मातृभूमि को।

नमन देश के वीर सपूतों को…
हुई हंदवाड़ा मुठभेड़ शनिवार रात को,
शहीद हुए जिनकी पहचान थी ‘नाइक राजेश।’
किया अमर जवान २१वीं राष्ट्रीय राइफल्स को,
इस मातृभूमि पर कर्ज रहेगा इनका पात्र विश्वास।

नमन देश के वीर सपूतों को…
प्रेरणादायक बनती इनकी वीरता नौजवानों की,
जिनमें थे शामिल एक वीर सपूत ‘शकील।’
जिन्होंने गौरवान्वित किया इस माँ को अपनी वीरता से,
चुकाया कर्ज अपना,इस मिट्टी को देकर अपना दिल।

नमन देश के वीर सपूतों को…
था माँ का एक लाड़-दुलार ‘दिनेश नाइक।’
वंदन करता सारा देश आपको जिन्होंने,
मातृ की रक्षा के लिए लहू-कतरा बहाया इक-इक,
ऐसे वीर सपूतों से बनती भारत माँ पावन धरा॥

परिचय-उषा शर्मा का साहित्यिक उपनाम ‘मन’ है। जन्म तारीख २२ जुलाई १९९७ एवं स्थान-मानपूर नांगल्या(जयपुर) है। राजस्थान निवासी उषा शर्मा ‘मन’ का वर्तमान निवास बाड़ा पदमपुरा( जयपुर)में ही है। इनको राष्ट्रभाषा हिंदी सहित स्थानीय भाषा का भी ज्ञान है। ‘मन’ की पूर्ण शिक्षा-बी.एड.एवं एम. ए.(हिंदी साहित्य)है। कार्यक्षेत्र में फिलहाल अध्ययन जारी है। आपकी लेखन विधा-लेख कविता,संस्मरण व कहानी है। पसंदीदा हिंदी लेखक जयशंकर प्रसाद को मानने वाली उषा शर्मा ‘मन के देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-
“हिंदी भारत देश के लिए
गौरवमयी भाषा है,
देश की माला का स्वरूप,
भारत माँ का मान है हिंदी।
साहित्य की मन आत्मा का,
जन्मों-जन्मों का साथ है हिंदी।
कवि लेखकों की शान ही हिंदी,
हिंदुस्तान के नाम में है हिंदी॥”

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