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ससुराल हेल्प लाइन

नवेन्दु उन्मेष
राँची (झारखंड)

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इन दिनों खबर आ रही है कि देश के कई इलाके में लोग घर में बैठे-बैठे पत्नी से लड़ रहे हैं। इसलिए देश के गृहस्थी मंत्रालय ने पति हित में एक निर्देश जारी किया कि,पत्नी से लड़ो,मगर पत्नी विषाणु के योद्धाओं से नहीं। पत्नी की ढाल के लिए उनके मायके वालों को पत्नी योद्धा के रूप में तैनात किया
गया है। जो भी पत्नी से लड़ेगा,उसे पत्नी विषाणु योद्धाओं द्वारा सबक सिखाया जाएगा। निर्देश में यह भी कहा गया है कि पत्नी की करो देखभाल,देश हर हाल में जीतेगा पत्नी विषाणु से। अगर पत्नी ज्यादा तंग करे तो ससुराल हेल्पलाइन पर संपर्क करें। वहां से दिए गए निर्देशों का पालन
करें।
कई दिनों से बोतलदास भी अपनी पत्नी से लड़ रहा था। उसने ससुराल हेल्पलाइन पर फोन लगाया,तो उसे जवाब मिला-पत्नी से लड़ो,मगर पत्नी की ढाल के लिए तैनात पत्नी विषाणु के योद्धाओं जैसे साला,साली,साढू इत्यादि से नहीं। हेल्पलाइन पर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए बोतलदास ने
पत्नी से लड़ना बंद कर दिया,लेकिन पत्नी थी कि मानती ही नहीं। वह उसे निकम्मा, बेरोजगार कह कर बारम्बार चिढ़ा रहीं थी। बोतलदास की पत्नी ने उसे कई बार कहा कि घर में बैठे रहने से अच्छा है,कुछ काम धंधा ढूंढो,लेकिन उसके लिए मुसीबत यह थी कि देश में पत्नी विषाणु अपनी जड़ें जमाए हुए था। सोच रहा था कि घर में रहो तो पत्नी का डर है,और घर से निकलो तो विषाणु का खतरा है। दूसरों की पत्नियां घर से बाहर निकलते ही उस पर डोरे डालने लगती हैं। उसके पहनावे-ओढ़ने को लेकर चाल-चलन पर टिप्पणी करती हैं। जब वह उन्हें ऐसा करने से मना करता है तो वे उसे भला-बुरा कहने लगती हैं।
बोतलदास बहुत ही खूबसूरत आदमी है। उसे याद है कि जब वह महाविद्यालय में पढ़ता था तो लड़कियां उसे कहती थी-तुम फिल्म अभिनेताओं की तरह दिखते हो। अगर बालीबुड चले जाओ तो तुम राजकपूर और देवानंद की तरह हिट हो सकते हो,लेकिन उसकी कोई तमन्ना फिल्मी दुनिया में जाने की थी नहीं। यही सोच कर वह नहीं गया। पढ़ाई-लिखाई पूरी करने के बाद एक निजी संस्थान में नौकरी करने लगा। जब वह उस संस्थान में काम करने गया तो वहां भी लड़कियां उस पर डोरे डालने लगी। इसी बीच उसकी शादी भी हो गयी। तालाबंदी के दिनों में उसकी रही-सही नौकरी भी चली गयी। इसके बाद वह घर पर ही रहने लगा। पत्नी से रोज उसका गृहयुद्ध छिड़ने लगा। घर,घर न होकर कुरूक्षेत्र के मैदान में तब्दील हो गया।
एक दिन उसका पत्नी से झगड़ चल ही रहा था कि पड़ोसी ने ससुराल हेल्प लाइन पर काल कर दिया। इसके बाद पत्नी के बचाव में योद्धा आ गए। उन्होंने उसे समझाया कि तुम अगर पत्नी से लड़ोगे तो घरेलू हिंसा कानून के तहत तुम पर कार्रवाई हो सकती है। बोतलदास डर गया,लेकिन योद्धा भी
कम नहीं थे। उन्होंने उसे कुछ दिनों के लिए घर के एक कमरे में उसेसंगरोध(क्वारेन्टाइन) होने का निर्देश दिया। बोले,-कमरे के अंदर चले जाओ। तुम्हें ससुराल प्रशासन द्वारा १५ दिनों तक मुफ्त राशन दिया जाएगा। पति-पत्नी के बीच बोलचाल बंद रहेगी तो घर में शांति आ जाएगी। किसी तरह की जरूरतों को पूरा करने के लिए ससुराल हेल्प लाइन हमेशा खुली हुई है,जब चाहो काल करके अपनी समस्याओं को रख सकते हो। यह कहकर पत्नी विषाणु के योद्धा चले गए। जाते हुए उन्होंने कहा-`पत्नी की करो देखभाल,देश पत्नी विषाणु से जरूर जीतेगा।’

परिचय–रांची(झारखंड) में निवासरत नवेन्दु उन्मेष पेशे से वरिष्ठ पत्रकार हैं। आप दैनिक अखबार में कार्यरत हैं।

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