कुल पृष्ठ दर्शन : 202

You are currently viewing तो कोई फ़ायदा नहीं…

तो कोई फ़ायदा नहीं…

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
************************************************

दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष…..

छत और मुंडेरों पर अनगिनत दीपक जला लो,
मन का दीप है बुझा तो कोई फायदा नहीं…
छप्पन तरह के भोगों से अपनी थाल सजा लो,
कोई भूखा ही सोया तो कोई फ़ायदा नहीं…।

प्रेम की गंगा बहा लो प्यार की नदियां बहा लो,
बना ली अपनों से दूरी तो कोई फ़ायदा नहीं…
भव्य प्रासादों में रह लो,ऊँची मीनारों में बस लो,
कोई सड़कों पर पड़ा है तो कोई फ़ायदा नहीं…।

पूजा करो ईश्वर की और भक्ति में मन लगा लो,
दीन-हीनों को न देखा तो कोई फ़ायदा नहीं…
पुण्य करो दान करो जग में अपना नाम कर लो,
मन अभिमान से भरा तो कोई फ़ायदा नहीं…।

गुनगुना लो,गीत गा लो हँसी होंठों पर सजा लो,
माता-पिता उदास हैं तो कोई फ़ायदा नहीं…।
जग में बढ़ते रहो आगे चाँद सितारों को भी छू लो,
अपने पीछे छूट जाएं तो कोई फ़ायदा नहीं…॥

परिचय–डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी ने एम.एस-सी. सहित डी.एस-सी. एवं पी-एच.डी. की उपाधि हासिल की है। आपकी जन्म तारीख २५ अक्टूबर १९५८ है। अनेक वैज्ञानिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित डॉ. बाजपेयी का स्थाई बसेरा जबलपुर (मप्र) में बसेरा है। आपको हिंदी और अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है। इनका कार्यक्षेत्र-शासकीय विज्ञान महाविद्यालय (जबलपुर) में नौकरी (प्राध्यापक) है। इनकी लेखन विधा-काव्य और आलेख है।

Leave a Reply