`शीशा-ए-‍दिल` ही नहीं, ‘शीशा-ए-दिमाग’ भी मुमकिन…!

अजय बोकिल भोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** अभी तक दिल का रिश्ता शीशे से ही हुआ करता था,क्योंकि वह शीशे के माफिक टूट फूट जाता था। गाहे-बगाहे तड़क भी जाता था और कभी भी जुड़ भी जाता था,लेकिन इटली में हुई ताजा खुदाई और विश्लेषण से पता चला है कि इंसानी दिमाग भी शीशे में तब्दील हो सकता … Read more

दिलदार दोस्त और बेहतरीन परिवार

अजय जैन ‘विकल्प’ इंदौर(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** दोस्तों,बड़े दिनों क्या,लंबे अंतराल के बाद इस बार छुट्टी यानि सफर का दिलकश मजा उठाया है..जिसमें ‘फेसबुक फ्रेंड’ ने ऐसी दोस्ती निभाई कि,रिश्तेदार को पीछे छोड़ते हुए नया रिश्ता कायम किया है..। तो बात ये है कि,दिल्ली के सफर पर इन्दौर से एक साथी को लेकर ८ जनवरी की शाम … Read more

वक्त जरूर याद रखेगा संवेदना की ‘छपाक्’ को

अजय बोकिल भोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** फिल्म बनाना और उसका चलना न चलना बेशक एक व्यवसाय है,लेकिन कुछ अच्छी और सोद्देश्य फिल्मों का न चलना अथवा कम चलना समाज की संवेदनशीलता और समझ पर भी सवाल खड़े करता है। सवाल ये कि क्या समाज फिल्मों के आईने में अपनी मनपसंद या चयनित छवि ही देखना चाहता है … Read more

कश्मीर को भी अब ‘ऑनलाइन’ लाना ही होगा…

अजय बोकिल भोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** संदर्भ भले जम्मू-कश्मीर का हो,लेकिन इसकी व्याप्ति संपूर्ण देश और मानव समाज तक है। शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार द्वारा इंटरनेट सुविधा पर मनमानी पाबंदी को लेकर जो फैसला दिया है,वह दूरगामी और गहरा अर्थ लिए हुए है। न्यायालय ने कश्मीर घाटी में ५ महीने से सुरक्षा कारणों की आड़ … Read more

उम्मीदों का गणतंत्र और झांकियों तक फैलता सियासत का जहर…

अजय बोकिल भोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** बीते साल की एक ‘उपलब्धि’ यह भी मान लें कि देश में सियासत का जहर अब झांकियों तक फैल गया है। इस बार २६ जनवरी की गणतंत्र दिवस परेड में ३ राज्यों की झांकियों को खारिज करने का मामला राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। ये झांकियां किन कारणों से खारिज … Read more

नए जमाने की सबसे ‘कड़ी’ सजा `इंटरनेटबंदी`

अजय बोकिल भोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** इक्कीसवीं सदी की नई सजाओं में एक `इंटरनेटबंदी` भी है। चाहे सुरक्षा कारणों से हो या पूरे समाज को ‘कायदे’ में रखने के लिए हो,हमारे देश में आजकल सरकारें सबसे पहले इंटरनेट बंद करती हैं। दो दिन पहले जब करगिल में १४५ दिनों बाद इंटरनेट सेवाएं फिर जिंदा हुईं,तो वहां के … Read more

क्या ‘राम मंदिर’ की सियासी कमाई ‘एनआरसी’ में गंवा रही भाजपा ?

अजय बोकिल भोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** क्या राम मंदिर से कमाई राजनीतिक जमीन भाजपा एनआरसी और सीएए में गंवा रही है ? क्या राष्ट्रीय मुद्दों का रथ राज्यों की सियासी जमीन पर पंक्चर हो रहा है ? क्या राज्यों में हो रही लगातार हार से भाजपा कोई सबक नहीं ले रही है”? संकल्पशक्ति और हठवादिता में बुनियादी … Read more

अब ‘राशन एकीकरण’ की तैयारी,क्या हाजमा भी एक होगा ?

अजय बोकिल भोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** ‘एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड’ के बहाने ‘राष्ट्रीय एकीकरण अभियान’ के तहत केन्द्र की मोदी सरकार की सूची में अगला क्रम अब राशन कार्ड का है। इसे सरकार ने ‘एक राष्ट्र,एक राशन कार्ड’ नाम दिया है। इसका मानक प्रारूप हाल में राज्यों को जारी करके कहा गया है कि,वे राशन कार्ड के … Read more

राहुल गाँधी:दिवाली पर होली के गीत गाने का क्या मतलब?

अजय बोकिल भोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** मोदी २.० कार्यकाल में दिल्ली में आयोजित कांग्रेस की पहली प्रभावी विरोध रैली ‘भारत बचाओ’ से ‘सावरकर हटाओ बनाम सावरकर बचाओ’ में कैसे और क्यों तब्दील हो गई,यह राजनीतिशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए रोचक विश्लेषण का विषय है। यह रैली देश में बढ़ती महंगाई,दम तोड़ती अर्थव्यवस्था,भारी बेरोजगारी जैसे जमीनी मुद्दों को … Read more

‘पानीपत’ विवाद:इतिहास को जज्बात के आईने में देखने के मायने ?

अजय बोकिल भोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** बॉलीवुड में इतिहास पर आधारित फिल्में बनाना,ऐतिहासिक तथ्‍यों को अपने‍ हिसाब से संजोना,बदलना,ऐसी फिल्मों को लेकर बवाल मचना और इन सबके चलते फिल्म का अच्छी-खासी कमाई कर जाना नई बात नहीं है। एक अर्थ में यह भी हिंदी फिल्मों का आजमाया हुआ फार्मूला है। केवल फिल्मों के नाम बदल जाते हैं,प्रवृत्ति … Read more