कब तक प्रतिभा को मारोगे ?

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* आज मरे हैं सौ बच्चे, कल सौ लोगों की आँख गई थी। परसों कितने पुल टूटे थे, नरसों कितनी जान गई थी। आखिर वोट बैंक की…

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यह कैसा नव वर्ष

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* रातें सर्द,कुहासा दिन में, कहां ? कहीं उत्कर्ष हुआ ? अकड़न,जकड़न,ठिठुरन गहरी, कहां ? कहीं पर हर्ष हुआ ? दुबके,सहमे,ठिठुरे,अकड़े, बैठे हैं सब लोग यहां। सोचो…

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हर हाथ में रहे तिरंगा

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* हर हाथ में रहे तिरंगा, इन्कलाब की बोली हो। मातृभूमि की पावन रज से, शोभित माथे रोली हो॥ भारत तेरे टुकड़े होंगे, कहते हैं जो चीख-चीख…

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गली-गली में दुशासन घूमे

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* आज पुनः इस दानवता से, मानवता अकुलाई है। गली-गली दुशासन फैले, द्रोपदियाँ घबराई हैं॥ अर्जुन भी है जगह-जगह, पर विमुख हुए कर्त्तव्यों से। नहीं भान है…

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लोकतंत्र है घायल

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* शासन है पंगु आज, लोकतंत्र घायल है वासना में लुप्त हुई, चेतना हमारी है। लूट,पाट,मार,काट, मची सारे देश में है आम जिंदगी का, एक-एक पल भारी…

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अलख जगाएं हम

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* आओ सब मिल-जुल एकता के गीत गाएं, सुख,शान्ति,शुचिता,की सरिता बहाएं हम। ममता की ज्योति जगा,प्यार दिल में उगाएं, सोए हिन्दवासियों को नींद से उठाएं हम। प्रगति…

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चीनी चीजों का बहिष्कार हो

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* देख रहे हो वह बौना, इस भारत को ललकार रहा। मानो जुगनू ताल ठोक कर, सूरज को फटकार रहा॥ सुई नोंक जैसी आँखें, हमको इस तरह…

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वंदे मातरम

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* वंदे मातरम,वंदे मातरम, वंदे मातरम प्यारे वतन। मेरा भारत आन है मेरी, इसको बारम्बार नमन॥ सदियों पहले देश हमारा, जगत गुरु कहलाता था। ज्ञान,भक्ति और कर्मयोग…

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कैसे सहन करें

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* मानवता की पीड़ा का,आक्रोश किस तरह सहन करें, अपने हाथों से अपने पौरुष का कब तक,क्षरण करें| लोकतन्त्र के नाम जहाँ पर,रक्त बहाया जाता हो, जहाँ…

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काश ऐसा हो!

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* काश कालिमा मिट जाये,रवि-सा उजियारा छा जाये, भारत फिर आर्यावर्त बने,पथ सारे जग को दिखलाएl यों तो यह अपना देश कभी,धार्मिक तत्वों का वेत्ता था, दुष्कृत्यों…

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