प्रणय गीत

अनुराधा पाण्डेयनई दिल्ली***************************** काव्य संग्रह हम और तुम से..... नैन भर बस बोलते थे,पावनी थी प्रीत कितनी ?मौन हम भी,मौन तुम भी॥ एक-दूजे को बसाए,नित रहे द्वय धड़कनों में।कल कहेंगे,कल…

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बेकाम रुपए-पैसे

डॉ.अनुराधा शर्माइंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से... ज़ेहन के खाली घर में,तुम आ बसी हो ऐसे,खुशबू-ए-रातरानी,मदहोश महकती हो जैसे। परछाई पुतलियों में,नज़रों की नज़र-बंदी,पलकों को खोल पल को,जाओगी बोलो…

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उसूल

डॉ.अनुराधा शर्मा,इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** उसूल ये है,के जो हक है बस वही कहिए,मेरी खता को भी तकसीरे आग ही कहिए। खुदा गवाह बहुत दिन जिये हैं दुनिया में,मगर वो बात न थी…

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