वो सात दिन…
आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* जब देखा वो लाल खून, खेलते हुए हो गयी सुन्न। उम्र तेरह की थी दहलीज, बचपन का पहना था ताबीज। अनजान थी,क्या है यह सात दिन ? समाज मानता है जिसे हीन। कोई कहता है छूना मत, इसके बहने से मिटता है सत। इसकी अशुद्धता है भ्रम अंधविश्वास में पहला … Read more