यायावर

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* स्वाभाविक वृत्ति परिवर्तन की,ना रूकेगा ना कभी रूकालहलहाता खेत इमारतों में बदला,आसमां जहरीले धुँए में बदलासड़क चौड़ीकरण के मुआवजे से,खण्डहर भी शाॅपिंग माॅल में बदला। भाषा बदली,पहनावा बदला,गाँव बदले खानपान भी बदलासंचार माध्यम के साधन बदले,राहें बदलीं,राहगीर भी बदलाइक चेहरे पे कई चेहरे लगा,इंसान और ईमान भी बदला। मूल्य बदले,संस्कार … Read more

तुम्हारा इन्तज़ार…

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* फूल-पत्तों को,पूछा तुम्हारा पतारातभर बैठकर,तारों के साथदिल का दुःख,किया हल्का।चलती हवा को,दिया सन्देशतुम्हारे घरलौटने का,विनय कर कहातुम्हें बताए जाकर,हम हैं बैठेउनके इन्तज़ार में।कैसी लगन लगाकर,खुद दूर चले गए।मुझसे किए वायदे,स्थिर कर गए…॥ परिचय–उत्तराखण्ड के जिले ऊधम सिंह नगर में डॉ. पूनम अरोरा स्थाई रुप से बसी हुई हैं। इनका जन्म … Read more

दुनिया भुलाएं हम

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************************* उन राहों पर फिर से,जाने को करता है मन।जहाँ कभी हम दोनों,चले थे संग-संग॥ उन हसीन वादियों में,डूब जाने को करता है मन।जहाँ गाये थे कभी गीत,हमने प्यार के,संग-संग॥ चट्टानों से गिरते झरने में,खेलने का करता है मन।जिस संगीतमय झरने में,खो गये थे हमारे मन॥ लौट आये वो खुशनुमा समां,आसमां … Read more

रूह का रंगरेज़

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************************* फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… कविता,जो प्रीत के साथ ही बी.ए. फाइनल ईयर में थी,ने कहा-‘प्रीत! कौन सी किताब पढ़ रही है ? आज तू संस्कृत की कक्षा में भी नहीं आई। अब जल्दी चल,आज गृहविज्ञान की प्रयोगात्मक लैब में जाना है।’तभी प्रीत को अहसास हुआ कि अरे! इतना … Read more

प्रतिज्ञा

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)***************************************************** प्रतिज्ञा दिवस के अवसर पर,आओ हम प्रतिज्ञा करेंअपने आपसे,अपनी आत्मा सेआत्मा की आवाज सुनें,आत्म सम्मान वस्वाभिमान की उत्कृष्टता,को बनाए रखेंअपने उसूलों में,दृढ़ता लाएंमन मस्तिष्क में,शान्ति बनाएं। प्रतिज्ञा करें,भारतीय संस्कारों कीसुरक्षा की,मानवीय मूल्योंसांस्कृतिक मूल्यों का,शिक्षा संस्थाओं मेंविस्तार करें,नयी पीढ़ी कोअपनी संस्कृति,हस्तान्तरित करेंशिक्षा के माध्यम से,संस्कारों की प्रगति करें। आओ हम मिलकर,कोरे … Read more

शादी का लड्डू

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’दिल्ली(भारत)****************************************************** शादी का लड्डू तो स्वादिष्ट और निराला है,जिसने भी खाया बोला-वाह! बहुत ही आला हैबिन मदिरा के भी लगता ये मदिरा का प्याला है,बहुत नशा है,सबको भाता गोरा या काला है। शादी का लड्डू जिसने भी खाया भरमाया है,जिसको भी मिल ना पाया खाने को ललचाया हैशिवजी ने भी गौरा … Read more

हिन्दी जन-जन की भाषा,पर राष्ट्रभाषा कब ?

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’बहादुरगढ़(हरियाणा)********************************************************* हिंदी दिवस विशेष….. हम भारतवासी ‘हिंदी दिवस’ एक औपचारिकता के रूप में कब तक मनाते रहेंगे ? कब हिंदी इस आडम्बर से मुक्त होगी। कब राजभाषा से राष्ट्रभाषा बनेगी,जन-जन की भाषा घर-घर तक कब घर करेगी। हिंदी के प्रति आम लोगों में जनचेतना जागृत करने के लिए सरल सुबोध हिंदी में विशाल … Read more

याद

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’ दिल्ली(भारत) ************************************************************ यादों के सहारे मरकर भी जी जाते हैं हम, जब अपने पुराने दिनों में खो जाते हैं हम। तुम बनते थे कान्हा और मैं राधा रानी- कहते थे आकर जब,चलो रास रचाते हैं हम॥ परिचय-रीता अरोड़ा लेखन जगत में ‘h हिन्द हाथरसी’ के नाम से जानी जाती हैं। … Read more

हटा दें ये मज़हब की दीवार

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’ दिल्ली(भारत) ************************************************************ लाल लहू की खूनी होली,जल गये सब हाट बाजार, प्रेम-मिलन सौहार्द भाव की,होली फिर से आजा एक बार। होलिका माता से करूँ पुकार,अब की फागुन चमन में बहार- चैन-अमन अरू प्रेम प्यार से,हटा दें ये मज़हब की दीवार॥ परिचय-रीता अरोड़ा लेखन जगत में ‘h हिन्द हाथरसी’ के नाम … Read more

धारा ही बदल गई

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’ बहादुरगढ़(हरियाणा) *********************************************************************** न जाने क्यों,मालूम नहीं, रिटायर्ड आदमी को ही हर कोई बेकार में,बेकार-सा ही समझता है। कामकाजी इंसान भी उससे दूर भागता है, क्योंकि,वह हर समय अपनी ही हांकता और फांकता है। पत्नी कहती-`सारा दिन कुर्सी क्यों तोड़ते हो, हर समय मोबाइल में,आँखें ही क्यों फोड़ते हो ? जाओ बाज़ार से,कुछ … Read more