प्रेम से ही शांति

आरती जैनडूंगरपुर (राजस्थान)********************************************* विश्व शांति दिवस स्पर्धा विशेष…… विश्व को कब नसीब,होगा शांति भरा आँचलकहीं कोरोना तो कहीं,युद्ध के मंडराए हैं बादलlइंसान ने प्रकृति को,प्लास्टिक में लपेटा हैइंसान भी पी.पी.ई. किट,से प्लास्टिक में सिमटा हैlचमगादड़ को भी,इंसान खा जाते हैंजीव दया की अब,केवल बची बातें हैंlमानव ने जो किया,बदले में वह मिला है,अपने कर्मों से … Read more

हम खुद ढूँढते हैं दोस्त

आरती जैनडूंगरपुर (राजस्थान)********************************************* दोस्त चाहे-पतला हो या,लेकर चलता हो मोटा-सा पेटआज भी मजा आता है जब,खींच लेते हैं उसकी समोसे वाली प्लेटlसही कहते हैं हर एक,दोस्त जरूरी होता हैसामने पिटाई करता है,अकेले में हमारे आँसू रोता हैlकुछ घंटों की जेल थी,वो प्यारी-प्यारी स्कूलदोस्तों के संग लगती थीवो स्वीट-स्वीट सी कूलlएक ही तो रिश्ता है,जिसे हम … Read more

कभी तो मुझे मिलेगा मान…

आरती जैनडूंगरपुर (राजस्थान)********************************************* थोड़ा मान मिल जाए हमें राधानहीं रुक्मणी होना भी मंजूर है,वक्त के साथ अपना वजूद दियाफिर भी आँसू बहना बना दस्तूर है।आँसू के संग होती है हर रोजमेरे टूटे दिल की हर बात,कभी तो मुझे मिलेगा मानयह आशा संग होती है हर रात।कोई नहीं कहता कितना मैंकिसके लिए करती हूँ,आँसू संग अपने … Read more

अनमोल रिश्ते

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* मीठे-मीठे सपनों को, यह पूरी तरह लेती है नोंच जिसे मेरी छोटी-सी, कलम कहती है छोटी सोंच। काशी और प्रयाग भी बन, सकता है तुम्हारा घर अगर रिश्तों से हट, जाएगा अनचाहा ड़र। हर रिश्ते में ढूंढती हूँ, मैं एक प्यारा मित्र जो जीवन को बनाए, मेरे महकता इत्र। बहू … Read more

सम्मान

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* एक नारी दूसरी नारी को समझेगी, तब सम्मान की बगिया खिलेगी। खुशी से निभाओ अपना हर फर्ज, आँसू का सूद समेत चुकाना कर्ज। मानती हूँ हर रिश्ता है तुम्हारी जान, पर मत भूलना प्यार से बड़ा है मान। बेशक आएगा तुम्हारे ख्वाब में एक नवाब, पर तुमसे खेले तो वक्त … Read more

धैर्य धरना होगा

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** अपनी राह तुझे एक-एक कदम चलना होगा, थक रहे हैं पैर तो क्या धैर्य मन में धरना होगा। सूरज बनो या चंद्रमा,शनैः-शनैः घटना बढ़ना होगा, अथक परिश्रम संग धीरज भी तुम्हें धरना होगा। मन के धवल बादलों से अम्बर में तुझे घिरना होगा, मरुभूमि की मरीचिका से बाहर स्वयं निकलना … Read more

जीवन में उत्साह जगाती है ‘पग-पग शिखर तक’

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** झाबुआ (मध्य प्रदेश)निवासी प्रदीप अरोरा की संदेशात्मक एवं विचारात्मक कृति ‘पग-पग शिखर तक’ का प्रकाशन हो चुका है। प्रखर गूँज प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक कविताओं का सुंदर संग्रह है। प्रदीप अरोरा के कथनानुसार यह पुस्तक निराशा के दौर से गुजर रहे पाठकों के बंजर मन में उत्साह का बीजारोपण … Read more

एक कड़वा सच है `अरिष्ट पत्रम्`

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** प्रखर गूँज प्रकाशन के सानिध्य में झालावाड़(राजस्थान) की वंदना शर्मा द्वारा रचित एकल काव्य संग्रह अरिष्ट पत्रम् समाज की कड़वी सच्चाई को बयान करता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह कड़वा ही होगा,मगर एक सच्चाई यह भी है कि औषधि एवं सत्य हमेशा कड़वा ही होता … Read more