अपराधों का कानून से रुकना संभव नहीं

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)************************************* सामयिक चिंतन…. जब से सृष्टि का उदय हुआ और मानव युगल में हुए,तब से अपराध-पाप आदि शुरू हुए। कारण मानव में मन होने से वह सबसे अधिक समाज में विकृतियां फैलाई हैं,जिस कारण पुराण,शास्त्रों,वेदों में और तो और कानून की किताबें लिखी गई। आज विश्व में जितने भी क़ानून बने हैं,वे मात्र ५ … Read more

जैन धर्म की महती राष्ट्रीय भूमिका

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** चिंतन…….. प्रस्तुत संस्कृति की धारा ने भारतीय जीवन व विचार एवं व्यवस्थाओं को कब कैसे पुष्ट और परिष्कृत किया,इसका यथार्थ मूल्यांकन होकर उसकी वास्तविक रूपरेखा उपस्थित हो जाए तो मालूम होगा कि जैन धर्म अपनी विचार व जीवन संबंधी व्यवस्थाओं के विकास में कभी किसी संकुचित दृष्टि का शिकार नहीं बना। उसकी भूमिका … Read more

भ्रष्टाचार के कारणों को मिटाना होगा

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)*********************************** मनपसंद सरकार यानी मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव और अपर सचिव को सीबीडीटी द्वारा भ्रष्टाचार बाबत तलब किया गया, तो तेलंगाना पुलिस ने करोड़ों के क़र्ज़ के घोटाले का भंडाफोड़ किया। ऐसे नित्य कहीं न कहीं भ्रष्टाचार देश में होते रहते हैं,जिसे आम बात कह सकते हैं। यह ‘कोरोना’ जैसा सर्वव्यापी है,इससे … Read more

मौन और ध्यान:आंतरिक सुंदरता का दर्पण

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)********************************************** वर्तमान काल में मनुष्य बहुत अशांत है। उसका मन मस्तिष्क स्थिर नहीं रहता है। मन १ मिनिट में ५५ विचारों का सामना करता है। हमारी सबसे अधिक ऊर्जा नेत्रों के अलावा मन की क्रियायों या सोच-विचार से नष्ट होती हैं। इसलिए जब हम शांत होकर शयन या आँख बंद कर आराम करते हैं … Read more

बौद्ध धर्म और अहिंसा-एक विश्लेषण

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** सम्पूर्ण जगत में हमें अगर शांति स्थापित करनी है, या अमन-चैन कायम करना हो तो हिंसा से दूर रहकर अहिंसा का पालन कर सकते हैं। अहिंसा का सामान्य अर्थ है हिंसा न करना। इसका व्यापक अर्थ हैं-किसी भी प्राणी को तन,मन, कर्म वचन और वाणी से कोई नुकसान न पहुंचाना। मन में किसी … Read more

समय आ गया,जनसंख्या नियंत्रण कानून की सख्त जरूरत

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)****************************************** बाढ़-सी बढ़ती जनसंख्या के लिए भोजन,आवास व वस्त्र का इंतजाम इस दशक के लिए आज सबसे बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को स्वीकार करते हुए सुखमय जीवन जीने के लिए संसाधनों का बेहतर उपयोग नितांत आवश्यक है। सुनियोजित विकास का सपना तभी पूरा हो सकता है,जब जनसंख्या का नियोजन किया जा सके। अच्छी … Read more

पटाखे एवं आबादी प्रदूषण:मिलकर सुधारना होगा

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** हम कैसे अपेक्षा रखें भारतीयों से कि वे अनुशासन में रहेंगे ? जब बच्चा ६ माह का होता है उस समय जब वह कूदने लगता है। उस समय से वह अवज्ञाकारी होने लगते हैं। आप उसे यहाँ बुलाओ,तो वे वहां जाते हैं। मोबाइल और टी. वी. संस्कृति के कारण बच्चों को भी बहुत … Read more

मानसिक संकीर्णता से बचना होगा

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)********************************************* बुद्धिजीवी मेडिकल एसोसिएशन की मान्यता है कि,पूरे विश्व के साथ भारत में आधुनिक चिकित्सा का वर्चस्व रहे और होना भी चाहिए। कारण एलॉपथी सरकार की दत्तक पुत्र होने से मुख्य धारा से जुड़ी है,और कहावत है मूल से ब्याज अधिक प्यारा होता है। इन बुद्धिजीवी को जन्म के समय से ही देशी दवाएं … Read more

संतुलन-संयम से ही जीवन सुखद

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)********************************************* आजकल मानसिक संतुलन न होने के कारण लोग छोटी-छोटी बातों में बहुत बड़ी घटनाओं को अंजाम दे देते हैं,अब लोगों में सहनशीलता का अभाव होने से हत्या-आत्महत्या करना आम बात होती जा रही है। गत दिनों एक घटना सामने आई,जिसमें एक युवा ने प्रेम विवाह ३ माह पूर्व किया और अपने परिवार से … Read more

निजी जीवन को बेहतर बनाएं

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** बड़ी संख्या में लोगों का व्यक्तिगत जीवन बुरे दौर से गुजर रहा है। इसका कारण है अपमान और तनाव। आप जानें कि,अपनी निजी जिंदगी को आप किस तरह खुशनुमा बनाकर रख सकते हैं। ताजा आँकड़ों के अनुसार इस समय हमारे समाज में अपमान (एंग्जाइटी) और तनाव के मरीजों की संख्या लगभग दोगुनी हो … Read more