जिसकी लाठी उसकी भैंस

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** प्रसंग-भारत रत्न …………………. यह बात सनातन सत्य है कि,हर युग में शासकों ने अपने अपने कार्यकाल में अपने निजियों,सम्बन्धियों और विचार धाराओं वालों को उपकृत किया थाl यह जरुरी भी होता था,कारण कि वे उस शासक के भक्त-पिछलग्गू हो जाते थेl जिनको राजाश्रय मिलता था,उनका सम्मान स्वाभाविक रूप से समाज,सत्ता में … Read more

क्या गुनाह किया नुसरत जहां ने…

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** आज हम किस सदी में जी रहे हैं और हम कब तक पोंगापंथी या पुरातन शैली की जीवन जीएंगे,आखिर ये नियम किसने बनाये हैं। किसी ने भी बनाये होंगे तो उन नियमों में भी हम परिवर्तन समय के अनुसार कर सकते हैं। कब तक हम लकीर के फकीर बने रह सकते … Read more

भाषा-लिपि की विविधता और एकरूपता तथा निदान

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** इंडिया में भाषा की लड़ाई लड़ते हुए लगभग १०० वर्ष से अधिक हो गए हैं,और स्वतंत्र हुए ७० वर्ष से अधिक,भाषा जैसे इस देश में कोई रोग हो गया हैl ऐसा संक्रामक रोग,जिसका इलाज़ सरकारों के पास नहीं हैं और जनता तो जहाँ लाभ देखती है वहां जाती हैl जैसे आज … Read more

अमित शाह का `हिंदी प्रेम` कितना कारगर

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** -मुद्दा सरकार की इच्छाशक्ति का………. भारत देश में सात वार और नौ त्यौहार होते हैंl त्यौहार,पर्व,उत्सव में अर्थ होता है,उस दिन उसके महत्व को समझें और कुछ शिक्षा ग्रहण करेंl वैसे आजकल त्यौहार मनाना एक औपचारिकता बन चुकी हैl धार्मिक त्यौहार एक तरह की रस्मअदायगी,राष्ट्रीय पर्व पिकनिक मनाने का जरिया और … Read more

हिंदी के राष्ट्रभाषा बनने की बुनियाद कमज़ोर है क्या ?

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. सौ बरस से अधिक समय हो गया हिंदी को राष्ट्रभाषा का अधिकार मिले,पर आज भी हिंदी सिर्फ हिंदी मानने वालों के कारण बची हैl महात्मा गाँधी ने १९१८ में अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा था कि-“हिंदी को राष्ट्रभाषा का अधिकारी घोषित करना और दक्षिण भारत में हिंदी … Read more

मोदी जी का कवच मन्त्र थे अरुण जेटली

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** मृत्यु एक ऐसा परम सत्य है,जिसका होना निश्चित है,पर कब-कहाँ कैसे होना है,यह अनिश्चित होता हैl मृत्यु अत्यंत दुखदायी होती है,जिस प्रकार मनुष्य का जन्म बताता है कि,होनहार विरवान के होत चिकने पात उसी प्रकार मृत्यु बताती है कि,इस व्यक्ति का जीवन कैसा बीता ? कारण जीवन और कर्मों का मिलन … Read more

दोगली नीतियाँ और दोहरे मापदंड घातक

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** हमारे देश में दोहरे मापदंड अपनाये जाते हैं,यानी हम दोगले हैं। एक तरफ सरकार जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करती है,और दूसरी तरफ उर्वरक,रासायनिक औषधियों पर जोर देती है। एक तरफ शाकाहार पर बल देती है,तो दूसरी तरफ पिंक क्रांति के नाम पर मांस निर्यात में हम विश्व में पहले क्रम … Read more

आजादी को हासिल करने में कईं लोगों ने दिया बलिदान

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** इस वर्ष १५ अगस्त २०१९ का कार्यक्रम विशेष महत्व रखता है। इस वर्ष इसी माह में हमारे देश में जम्मू- कश्मीर में विशेष दर्ज़ा ३७० धारा और ३५-ए को संसद द्वारा हटाया गया और जम्मू कश्मीर एवं लदाख को केन्द्र शासित प्रदेश घोषित किया,जो बहुत बड़ी उपलब्धि वर्तमान केन्द्र शासन की … Read more

पुस्तकों की सुखद अनुभूति का अलग महत्व

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** मेरे द्वारा उपन्यास और सैकड़ों लेख लिखे गए हैं,और लिखे जा रहे हैं,पर अनुभव है कि,पुस्तकों की सुखद अनुभूति का अलग महत्व हैl एक दिन साक्षात्कार में यह प्रश्न पूछा गया कि,वर्तमान में ई-बुक का चलन है,और यह सुविधा बहुत सुविधाजनक है तो आप प्रकाशन पुस्तकाकार में क्यों कराते हैं,जबकि ई-बुक … Read more

हिंदी:डीएमके सांसद वायको की संकीर्ण मानसिकता

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** आसमान की तरफ थूकने से थूक खुद के मुँह पर आता है। सूर्य को कितना भी कोसो,उसको कोई फर्क नहीं पड़ता। हिंदी राजभाषा है,पर कुछ विघ्नसंतोषियों के कारण वह राष्ट्रभाषा नहीं बन पा रही है। इससे हिंदी की कोई प्रतिष्ठा नहीं गिरी,और न गिरेगी। आज भी दक्षिण भारत में हिंदी फिल्मों … Read more