वेणी

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* वेणी- मिलती संगम में सरित,कहें त्रिवेणी धाम! तीन भाग कर गूँथ लें,कुंतल वेणी बाम! कुंतल वेणी बाम,सजाए नारि सयानी! नागिन-सी लहराय,देख मन चले जवानी! कहे लाल कविराय,नारि इठलाती चलती! कटि पर वेणी साज,धरा पर सरिता मिलती! कुमकुम- माता पूजित भारती,अपना हिन्दुस्तान! समर क्षेत्र पूजित सभी,उनको तीरथ मान! उनको तीरथ मान,देशहित शीश … Read more

अविरल

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* अविरल गंगा धार है,अविचल हिमगिरि शान! अविकल बहती नर्मदा,कल-कल नद पहचान! कल-कल नद पहचान,बहे अविरल सरिताएँ! चली पिया के पंथ,बनी नदियाँ बनिताएँ! `शर्मा बाबू लाल`,देख सागर जल हलचल! अब तो यातायात,बहे सड़कों पर अविरल! सागर- जलनिधि तू वारिधि जलधि,जलागार वारीश! सिंधु अब्धि अंबुधि उदधि,पारावार नदीश! पारावार नदीश,समन्दर तुम रत्नाकर! नीरागार समुद्र,पंकनिधि … Read more

भावुक

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* भावे भजनी भावना,भोर भास भगवान! भले भलाई भाग्य भल,भावुक भाव भवान! भावुक भाव भवान,भजूँ भोले भण्डारी! भरे भाव भिनसार,भाष भाषा भ्रमहारी! भय भागे भयभीत,भ्रमित भँवरा भरमावे! भगवन्ती भरतार,भगवती भोला भावे! परिचय : बाबूलाल शर्मा का साहित्यिक उपनाम-बौहरा हैl आपकी जन्मतिथि-१ मई १९६९ तथा जन्म स्थान-सिकन्दरा (दौसा) हैl वर्तमान में सिकन्दरा में ही … Read more

विनती

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* विधना विपदा वारि वन,वायु वंश वारीश! वृक्ष वटी वसुधा वचन,विनती वर वागीश! विनती वर वागीश,वरुण वन वन्य विहारी! वृहद विप्लवी विघ्न,विनय वंदन व्यवहारी! वंदउँ विमल विकास,वाद विज्ञानी विजना! वरदायी विश्वास,वरण वर विनती विधना! परिचय : बाबूलाल शर्मा का साहित्यिक उपनाम-बौहरा हैl आपकी जन्मतिथि-१ मई १९६९ तथा जन्म स्थान-सिकन्दरा (दौसा) हैl वर्तमान में … Read more

समर्पण

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* त्याग समर्पण कीजिए,मातृभूमि हित मान। देश बचे माँ भारती,भली शहादत शान॥ करें समर्पण देशहित,निज के गर्व गुमान। देश आन अरु शान है,हो इसका सम्मान॥ मानव हूँ मानव बनूँ,मानवता सद्ज्ञान! जीना मरना देश हित,यह अभिलाषा मान॥ अधिकारों की दौड़ में,रहे भान कर्तव्य। मेरा देश महान है,सफल तभी मन्तव्य॥ संसद व संविधान का,करो … Read more

बचपन

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. बाल दिवस पर विश्व में, हों जलसे भरपूर। बच्चों का अधिकार है, बचपन क्यों हो दूर॥ कवि,ऐसा साहित्य रच, बचपन हो साकार। हर बालक को मिल सके, मूलभूत अधिकार॥ बाल श्रमिक,भिक्षुक बने, बँधुआ सम मजदूर। उनके हक की बात हो, जो बालक मजबूर॥ दर्द न जाने … Read more

सड़क सुरक्षा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* पंथ आज देश शान,मानवी प्रकाशमान। विकास गाँव-गाँव में,सड़क से जानिये। आने जाने वाले दु:ख,चाहते वाहन सुख। मिलता सहारे जिसे,सड़क ही मानिये। बाम चाल देख भाल,देख चिह्न संकेतक, कागजात साथ रख,नियमों को पालिये। हेलमेट सिर धर,दुपहिया चलाना है। सीट बेल्ट कार वाले,जन पहचानिये। लाइसेंस चालक का,परमिट वाहन का। निर्धारित टैक्स भी,जरूरी चुकाइए। … Read more

प्रीत सरसे

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* नेह की सौगा़त पाई, लग गया मन खिलखिलानेl ऋतु सुहानी सावनी में, पवन पुरवाई चली है‌l मेघ छाया कर रहे ज्यों, भीगते आँगन गली हैl मोर वन मन नाचते हैं, फिर चले कैसे बहानेl नेह की सौगात पाई, लग गया मन खिलखिलानेll गंध तन की भा रही ज्यों, गंध सौंधी सावनी-सीl … Read more

हिन्दी भाषा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* हिन्दी हिन्दुस्तान की,भाषा मात समान। देवनागरी लिपि लिखें,सत साहित्य सुजान। सत साहित्य सुजान,सभी की है अभिलाषा। मातृभाष सम्मान,हमारी अपनी भाषा। सजे भाल पर लाल,भारती माँ के बिन्दी। भारत देश महान,बने जनभाषा हिन्दी। भाषा संस्कृत मात से,हिन्दी शब्द प्रकाश। जन्म हस्तिनापुर हुआ,फैला खूब प्रभास। फैला खूब प्रभास,उत्तरी भारत सारे। तदभव-तत्सम शब्द,बने नवशब्द … Read more

नारी

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* नारी रत्न अमूल्य धरा पर। ईश्वर रूप सकल सचराचर॥ राम कृष्ण जन्माने वाली। सृष्टि धर्म की सत प्रतिपाली॥ बेटी बहिन मात अरु दारा। हर प्रतिरूप मनुज उद्धारा॥ नारी जग परहित तन धारी। सुख-दु:ख पीड़ा सहे दुधारी॥ द्वय घर की सब जिम्मेदारी। बिटिया वहन करे वह सारी॥ पढ़ी लिखी जब होती नारी। … Read more