वेणी
बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* वेणी- मिलती संगम में सरित,कहें त्रिवेणी धाम! तीन भाग कर गूँथ लें,कुंतल वेणी बाम! कुंतल वेणी बाम,सजाए नारि सयानी! नागिन-सी लहराय,देख मन चले जवानी! कहे लाल कविराय,नारि इठलाती चलती! कटि पर वेणी साज,धरा पर सरिता मिलती! कुमकुम- माता पूजित भारती,अपना हिन्दुस्तान! समर क्षेत्र पूजित सभी,उनको तीरथ मान! उनको तीरथ मान,देशहित शीश … Read more