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हिन्दी भाषा

बाबूलाल शर्मा
सिकंदरा(राजस्थान)
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हिन्दी हिन्दुस्तान की,भाषा मात समान।
देवनागरी लिपि लिखें,सत साहित्य सुजान।
सत साहित्य सुजान,सभी की है अभिलाषा।
मातृभाष सम्मान,हमारी अपनी भाषा।
सजे भाल पर लाल,भारती माँ के बिन्दी।
भारत देश महान,बने जनभाषा हिन्दी।

भाषा संस्कृत मात से,हिन्दी शब्द प्रकाश।
जन्म हस्तिनापुर हुआ,फैला खूब प्रभास।
फैला खूब प्रभास,उत्तरी भारत सारे।
तदभव-तत्सम शब्द,बने नवशब्द हमारे।
कहे लाल कविराय,तभी से जन अभिलाषा।
देवनागरी मान,बसे मन हिन्दी भाषा।

भाषा शब्दों का बना,वृहद कोष अनमोल।
छंद व्याकरण के बने,व्यापक नियम सतोल।
व्यापक नियम सतोल,सही उच्चारण मिलते।
लिखें पढ़ें अरु बोल,बने अक्षर ज्यों खिलते।
कहे लाल कविराय,मिलेगी सच परिभाषा।
हर भाषा से श्रेष्ठ,हमारी हिन्दी भाषा।

परिचय : बाबूलाल शर्मा का साहित्यिक उपनाम-बौहरा हैl आपकी जन्मतिथि-१ मई १९६९ तथा जन्म स्थान-सिकन्दरा (दौसा) हैl वर्तमान में सिकन्दरा में ही आपका आशियाना हैl राजस्थान राज्य के सिकन्दरा शहर से रिश्ता रखने वाले श्री शर्मा की शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. हैl आपका कार्यक्षेत्र-अध्यापन(राजकीय सेवा) का हैl सामाजिक क्षेत्र में आप `बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ` अभियान एवं सामाजिक सुधार के लिए सक्रिय रहते हैंl लेखन विधा में कविता,कहानी तथा उपन्यास लिखते हैंl शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र में आपको पुरस्कृत किया गया हैl आपकी नजर में लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः हैl

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