खेल तमाशा

मनोरमा चन्द्रा रायपुर(छत्तीसगढ़) ******************************************************** दो वक़्त की रोटी के लिए, जोखिम कितना उठाने लगी। छोटी-सी उम्र में बखूबी, सभी दायित्व निभाने लगी। बचपन तू कर रही कुर्बान, खोने लगा तेरा बालपन। सारे सपने त्याग रही तू, कुलीन बेटी तू है महान। लाचार हो गये हैं मानव, चुप्पी साधे सभी खड़े हैं। अभावहीन बच्ची का खेल, … Read more

मानवतावादी सतनाम धर्म के प्रबल पक्षधर रहे गुरु घासीदास

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ १८ दिसम्बर जन्म विशेष…………. विश्व के रचनाकर्ता सर्वजीव में प्राणदाता निरंतर विराजमान निराकार सर्वशक्तिमान परम ब्रह्म ही परम सत्य है। एक निराकार शक्ति! उनका नाम ही `सतनाम!` एक ही परमेश्वर को साधन तप द्वारा साधक व सत्य दृष्टाओं ने एक भाव से भिन्न-भिन्न पथ को अवलम्बन करते हुए मानव … Read more

जन्नत और हूर

मौसमी चंद्रा पटना(बिहार) ************************************************************************ सुना है आजकल जन्नत में, रोज ही हूरों का आना लगा है ये नई आने वाली हूरें भी अजीब-सी हैं, कुछ के सिर्फ एक हाथ है, कुछ के केवल एक पैरl कुछ पूरा चेहरा जला कर आई है तेज़ाब से, तो कुछ केवल राख लेकर आई है कल तो एक की … Read more

क्यों मैं समझती रही

मौसमी चंद्रा पटना(बिहार) ************************************************************************ तुम हमेशा वैसे ही थे जैसे आज हो, क्यों मैं समझती रही तुम अलग हो। मैंने तुम्हें हमेशा ही दिखाये फूलों से लदे हरे-भरे पेड़, तुमने देखा उसके नीचे गिरे पीले पत्तों को। मैंने तुम्हें हमेशा ही दिखाई मोती से झड़-झड़ झड़ते, बारिश की बूंदें, तुमने देखा मिट्टी से सने गन्दे … Read more

रणचंडी बन जाओ

डॉ.शैल चन्द्रा धमतरी(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** `निर्भया`,`प्रियंका` न जाने, कितनी लड़कियों पर होता रहेगा अत्याचार। कब होगा इन बलात्कारियों पर प्रहार! संस्कार धरा भारत भू का कहाँ गया संस्कार, राम-कृष्ण की धरा पर मचा है हाहाकार। दुर्गा-काली-लक्ष्मी के रुप में पूजी जाती है नारी, पर उसी नारी को बना देते हैं ये दुष्ट बेचारी। सरेराह उसकी लज्जा … Read more

बचपन की आजादी

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’ कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. पंछी को उन्मुक्त गगन में उड़ने दो होकर स्वच्छन्द, आजादी से करें न वंचित उन्हें पिंजरों में कर बन्द। मृगशावक अच्छे लगते हैं वन में खूब मचाते धूम, चिड़ियाघर में कैद करें तो कभी न सुख से सकते घूम। घर के अन्दर सदा रहें तो … Read more

हे विधाता,मैं भी बच्चा हूँ

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. बाल हूँ मैं,तेरा प्यारा लाल नन्हा,कान्हा चंचल भोला, हूँ मैं गीला जैसे मिट्टी का ताल- जैसे बनाओगे वैसे ही बनूँगा। अनचाहत हूँ मैं,बेसहारा छोड़ जाते हैं छिप कर माँ-बाप, सड़क किनारे,बनाकर मुझे आवारा- बताए विधाता,यह आशीर्वाद या अभिशाप ? कौन है माँ-बाप,नहीं है ठिकाना … Read more

व्यथित दीप

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ उत्सव-अनुष्ठानों में, मंगलदीप नाम से मुझे बिठाया था पूजा स्थान में- तुमने,श्रद्धा सुमन दिल से। आनन्द विभोर मैं, खुशी से नाचे मेरा शिखा हावया के- ताल तालों से, बिखरकर रश्मि तुम्हारें आँगन में। जला मेरा मुँह अग्निताप से- फिर भी,स्नेहाशीष दिया हूँ, तहे दिल से-सदा विराजे सुख-शांति तेरे संसार … Read more

यही हम बोलेंगे

लालचन्द्र यादव आम्बेडकर नगर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************************** इक बोगी में भर लो कई हजार, यही,हम बोलेंगे। जीवन जबकि,फंसा हुआ मझधार, यही,हम बोलेंगे। पटना जैसे स्टेशन पर, भीड़ लगी है भारी। मुंबई नगरी जाने वाले, जुटे हुए नर-नारी। इधर पसीने से भीगे हम सरकार, यही,हम बोलेंगे। जीवन जबकि,फंसा हुआ मझधार। यही,हम बोलेंगेll सीट ठसा-ठस भरी हुई, अगल-बगल … Read more

गुरु नानकदेव

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’ कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** थे गुरु नानकदेव जी,युग के पुरुष महान। की जिनने संसार को,संस्कृति नई प्रदानll कहते नानकदेव जी,परम पुरुष है एक। उसकी इच्छा में चलें,छोड़ सभी उद्रेकll एकमात्र कवि संत हैं,नानकदेव महान। निन्दा तज जिनने किया नारी का गुणगानll सब जीवों को आत्मवत,देते आदर प्यार। अहं-शून्य होकर रहे,नानक इस संसारll किसी जाति … Read more