खेल तमाशा
मनोरमा चन्द्रा रायपुर(छत्तीसगढ़) ******************************************************** दो वक़्त की रोटी के लिए, जोखिम कितना उठाने लगी। छोटी-सी उम्र में बखूबी, सभी दायित्व निभाने लगी। बचपन तू कर रही कुर्बान, खोने लगा तेरा बालपन। सारे सपने त्याग रही तू, कुलीन बेटी तू है महान। लाचार हो गये हैं मानव, चुप्पी साधे सभी खड़े हैं। अभावहीन बच्ची का खेल, … Read more