शहादत की फसल
डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* जाने कितनी शहादत ने बोए घाटी में बीज, सत्तर साल से खून से सींच पत्थर गए पसीज फिर से लाली आई है भारत माँ के चेहरे पर, फिर से लगी मणि ज्यों भारत दूल्हे के सेहरे पर। कितनी विधवाओं को मानो सिंदूर मिला है, पुत्रहीन माताओं की गोद शिशु … Read more