अब उबारो मुझको माँ
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)************************************ वसंत पंचमी स्पर्धा विशेष ….. हे हंस वाहिनी ज्ञानदायिनी नमन तुझे माँ,तेरे बालक तुझे पुकारे,कहां बैठी हो हो माँ। हे मेरी माँ शारदे कहां तुम वीणा…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)************************************ वसंत पंचमी स्पर्धा विशेष ….. हे हंस वाहिनी ज्ञानदायिनी नमन तुझे माँ,तेरे बालक तुझे पुकारे,कहां बैठी हो हो माँ। हे मेरी माँ शारदे कहां तुम वीणा…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)************************************ पूजा डाली ले के गौरा,चली चुपके-चुपके,अम्मा-बाबा देखे ना,सखी के संग मिल के। डाली भर बेलपत्र,ली है थाली भरी भांग,लेकर उम्मीद चली है शिव भरेंगे मांग। पार्वती…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)************************************ शुभ सुहावना सोमवार दिन आया,डम-डम डमरू शिवजी ने बजायानंदीगण नाचे छम-छम छमा-छम,जब बजाएं शिव डमरू डमा-डम। शिव जी को गौरी दूध से नहाई,अपराजिता फूलों से दी…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* प्रीत लगी तुम्हारे नाम की,अब जिया नाहीं लागे मेरानजर जिधर-जिधर करूं मैं,दिखे नहीं पिया झलक तेरी। अपनी झलक तू दिखा मुझको,बिन देखे चैन नहीं आए मुझकोबिरह…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. हिंदुस्तान के,घर-घर से,वीरों ने यही पुकारा,गणतंत्र दिवस,विजयी विश्व,है तिरंगा प्यारा। हम हैं हिंदुस्तानी,यह भारत महान देश हमारा है,इस मिट्टी में जन्म लिया,सबका…
इंदौर(मप्र)l भगवत भक्ति व राष्ट्रभक्ति का अद्भुत संगम ही हमारे भारतीय जनमानस की उत्सवधर्मिता का प्रतीक है। इसी कड़ी में एक सांस्कृतिक आयोजन के अंतर्गत व्यंकटेश विहार कॉलोनी में श्रीमदभगवद्गीता…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* तेरी चाहतें तेरी हसरतें,सभी मिटा दी हमनेअब कोई शिकवानहीं अब तुमसे,रिश्ता नहीं। तुम और तुम्हारे इश्क,दोनों मतलब के होकभी पास बुलाते,हो तुम कभीदूर जाते हो। बेपनाह…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* दिल में बेशुमार प्यार था तेरे लिए,मैं तुम्हें बेपनाह प्यार करती थी,तुम याद करो ना करो मैं याद करती थीं,मैं याद करती थी। याद करो उस…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* तुम बहुत ही दिल वाले हो,तुम्हें चाहने वाले बहुत हैंतुझे पाने के लिए बेसब्री से,दिखावे का इंतजार करते हैं। दिल वाले ओ हसरतों वाले,माना तुझे कैद…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* तुमसे मानव तन पाकर माँ माँग रहे हैं यह वरदान,देश-धर्म-संस्कृति की खातिर हो जाएँ हँस-हँस बलिदान। माँ इतनी कृपा कर दे,बस इतनी दया कर दे,इंसान का…