माटी का पुतला
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* आओ मिल के करें विचार हम माटी का हैं पुतला,प्रभु बनाए हैं,जीवों में,जीवन मानव का पहला। काहे का गुमान,भाई काहे करते हम सब अभिमान,भगवान बनाए हैं हम सभी को,माटी का सामान। माटी का पुतला नदी किनारे का,कहाता है मेहमान,फिर काहे करता है सब,माटी के पुतले पर गुमान। चार दिन की जिंदगी … Read more