न कोई खजाना काम आएगा

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)************************************ ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष… जल ही जीवन का आधार है,ये बात समझ ले ए मानव!यूँ ही न इसे तू व्यर्थ कर,बनकर पृथ्वी का दानव। न सोना,न चाँदी,न कोई खजाना काम आएगा।कंठ सूखेगा जब तेरा,ये जल ही प्यास बुझाएगा। जल से जगमग,नदिया सागर,जल से ही खेत-खलिहान।जल से ही जंगल में मंगल,जल से … Read more

है गर्व मुझे इस धरती पर

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)************************************ गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. हरियाली की चादर ओढूँगेरुआ मेरा बिछौना है।है नील वर्ण की छत मेरी,और श्वेत पसीना मेरा है।जिस देश के हर एक हिस्से में,तिरंगे की नक्काशी है…।है गर्व मुझे इस धरती पर,जिस देश के हम सब वासी हैं॥ रंग लहू का एक हमारा,हम एक ही धर्म निभाते हैं।वतन की रक्षा करने … Read more

अधूरे ख्वाब

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)************************************ काव्य संग्रह हम और तुम से कुछ अधूरे ख्वाबों को,आओ हम पूरा करें।हम और तुम अब अलगनहीं हैं,आओ ये स्वीकार करें। मैं नैया,पतवार बनो तुम,मैं राधा तुम श्याम बनो।प्रेम में डूबें एक-दूजे के,पार ये मझधार करें।कुछ अधूरे ख्बावों को… मैं पंख,उड़ान बनो तुम,मैं वायु,तुम प्राण बनो।पंख खोलकर आसमान में,ऊँची एक उड़ान भरें।कुछ अधूरे … Read more

नवरुप की महिमा अपरम्पार

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)************************************************ मातृ शक्ति,नवरुप की महिमा अपरम्पार,माता के नवरूप से,संचारित नर-नार। प्रथम दिवस हम पूजते,माता शैलपुत्री,ऊर्जा की यह दायिनी,पर्वतराज की पुत्री। द्वितीय रूप माता का,है ब्रम्हचारिणी,त्याग-तपस्या की देवी,हस्त कमण्डल धारिणी। चंद्रघंटा रुप है,माता का तृतीय,अस्त्र-शस्त्र धारण किए,अद्भुत-अद्वितीय। चतुर्थ दिवस अवतरित हों,कुष्मांडा माता,सूर्य-गर्त में निवास है,दीर्घायु की दाता। स्कंदमाता माँ का रुप है,पंचम और निराला,कमल-पुष्प पर … Read more

हिन्दी-सी ज़िंदगी

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)********************************************************** हिंदी दिवस विशेष….. हिन्दी-सी परिभाषित,होती है ज़िन्दगी।भावों और विचारों को,लिखती-बोलती है ज़िन्दगी। मनुष्य वर्ण, परिवार शब्द, समाज वाक्य,और देश,किताब-सी होती है ज़िन्दगी। किसी का गरीबी में आटा गीला,तो किसी की पांचों उँगलियाँ घी में।मुहावरों से छुपे अर्थ-सी होती है ज़िन्दगी। उपसर्ग बनने की होड़ में,प्रत्यय बन जाती, नित-नये विराम चिन्हों से नियमितहोती है … Read more

भक्तिकाल के कवि महान

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)********************************************************************* महाकवि गोस्वामी तुलसीदास (२४ जुलाई) जयंती स्पर्धा विशेष (तर्ज-मंगल भवन अमंगल हारी…) हृदय में जिनके राम का वास,रामबोला वो तुलसीदास।भक्तिकाल के कवि महान,वो थे महाकवि तुलसीदास।राम सिया राम सिया राम जय जय राम…ll आत्माराम पिता,माता हुलसीश्रावण सप्तमी जन्मे तुलसी।जन्म समय ३२ थे दाँत,वो थे महाकवि तुलसीदास।राम सिया राम सिया राम जय जय राम…ll … Read more

इंसान हूँ मैं

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)********************************************************************* चाहूँ न मैं कोई प्रशंसा,न देवी बनने की है मंशा।महान नहीं आम हूँ मैं,तुम्हारी तरह इंसान हूँ मैंइतना बस कहना चाहूँ। रचते हैं जो मुझ पर कविता,कहते हैं जो मुझे ग़ज़ल।शब्द मेरे क्यों खारिज कर देते,जब-जब मैं कुछ कहना चाहूँ। आभूषण मेरा श्रृंगार नहीं,मुझसे आभूषित सारे रत्न।भोग-विलास की चीज़ नहीं मैं,स्वछंदता से मैं … Read more

सावन और बचपन

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)********************************************************************* आज शाम से ही मूसलाधार बारिश हो रही है। सड़कों पर धीरे-धीरे पानी भरना शुरू हो गया है। टी.वी. पर भारी बारिश की चेतावनी की खबर आ रही थी। मेरे १० वर्ष के बेटे ने सहसा ही मुझसे पूछ लिया-“मम्मी जो लोग सड़कों पर रहते हैं,जिनके घर नहीं हैं वो लोग क्या करेंगे … Read more

तुम मिलना मुझे…

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)********************************************************************* तुम मिलना मुझे,उस राह पर,जब कोई तुम्हारे साथ न हो…मैं आत्मविश्वास तुम्हारा हूँ,पहचानो मुझे,मैं साथ ही हूँ। तुम मिलना मुझे उस रात में,जब चारों ओर अँधेरा हो…मैं दिव्य ज्योति तुम्हारी हूँ,पहचानो मुझे,मैं साथ ही हूँ। तुम मिलना मुझे उस ख्वाब में,जब नींद हो न करार हो…मैं एहसास तुम्हारा हूँ,पहचानो मुझे,मैं साथ ही हूँ। … Read more

चीन को सबक

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)********************************************************************* माँ मुझको तलवार दिला दे,मैं लक्ष्मीबाई बन जाऊँगी।गला काटकर चीन का मैं,भारत माँ को भेंट चढ़ाऊँगी। धोखा दिया है कई बार तूने,अब तेरे झांसे में न आऊँगी।मैं भारत माँ की बेटी हूँ,अब तुझको धूल चटाऊँगी। तुझ जैसे शैतान,कायर पर तो,भारत की बेटी ही भारी है।भर गया है तेरे पापों का घड़ा,अब इसे तोड़ … Read more