माँ की प्रतीक्षा…

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** माँ तुम कहां हो! जानती हूँ तुम नहीं हो, फिर भी मेरे ज़हन में बसती हो, माँ कहां हो! हर पल तुम्हारी, प्रतीक्षा रहती है…। आओ ना माँ, मेरी हर गलती भुलाने वाली , मुझे सीने से लगाने वाली माँ, तेरी हमेशा प्रतीक्षा रहती है…। बहुत अकेली हूँ माँ, बहुत दिनों … Read more

दर्पण मेरा मन

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** बहुत दिनों बाद देखा, दर्पण में अपने-आपको एक खामोशी चेहरे पर, आँखों में देखा सूनापन काजल की ना धार है, ना ही किसी की तलाश हैl बहुत दिनों… कुछ रेखाएं माथे पर, बालों की सफेदी देखी मन कहीं फिर को गया, इक दौर जीवन का खो गया उलझे रहे उन रिश्तों … Read more

माँ अम्बे

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** माता रानी दर पे आए, छोड़ आए हम सारे झमेले अब तू हमको शरण रख ले, निज चरणों में ले ले। माता रानी… कर त्रिशूल तलवार चमके, गले में सुन्दर हार दमके माथे पर बिंदिया कुमकुम, सिर पर माँ मुकुट लुभावे सजा हुआ दरबार है माँ, भक्तों के लगे हैं मेले। … Read more

हमारे गांधी

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** “दे दी हमें आज़ादी,बिना खड्ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल।” ये पंक्तियां गांधीजी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांत की ताकत पूरी तरह प्रर्दशित करने में सक्षम है। किसी भी स्थिति में सत्य और अहिंसा का साथ न छोड़ने वाले गांधी जी अपने विचारों से न सिर्फ … Read more

ख्वाब अधूरे रह गये…

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** बचपन कैसे बीत गए, पल में ओझल हो गए जो सोचा वो पाया नहीं, सपने जैसे खो गए… ख्वाब अधूरे रह गए…l कुछ सपने तो सपने हैं, शायद वो ही मेरे अपने हैं कभी इजहार किया ही नहीं, दिल के अंदर बसते हैं कुछ धुंधले से हो गए… ख्वाब अधूरे रह…l … Read more

रोमांच से भरी पहली यादगार यात्रा

सुश्री नमिता दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************** २७ सितम्बर विश्व पर्यटन दिवस विशेष………. उन दिनों समाज,देश विकास की ओर था,लोगों की सोच में अब बदलाव भी आने लगा था,किन्तु कहीं न कहीं अभी भी लोगों की सोच में लड़कियों के साथ पक्षपातपूर्ण रवैया विद्यमान थाl लड़कियों का अकेले बाहर निकलना बदसलूकी माना जाता था। यद्धपि,मेरे घर में … Read more

कागज से रिश्ता

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** कैसा रिश्ता है कागज का, हमारे दिल से सारी अनुभूतियों को सारे जज्बातों को अपने दिल में, अथाह जगह दे देता है। तभी तो हम अपनी, भावनाओं को उसके सीने में उतार देते हैं वो उफ़ नहीं करता हैं। समेट लेता है अपने साये में, कितना गहरा रिश्ता है कागज का … Read more

हिंदी हमारी पहचान

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. हिंदी हमारी पहचान है अपनेपन की भाषा है, और हिंदी हमारी मातृभाषा इसमें जीना-इसमें मरना, हमारी शान है। हिन्दुस्तान में जन्में हम जहां चलना और जीना, सीखा हमने वह, हिन्दुस्तान हमारा है, वह हमारी जान है। हिंदी हमारी…॥ हिन्द की है साँस जहां जहां प्यार की पवन … Read more

वह प्यारा-सा गाँव

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** मन क्यों उबने लगा दूषित वातावरण हुआ, दिल चाहे कुछ और चलो चलें अबअपने गाँव, कि ओर… चलो चलें अब…। पगडंडी के रास्ते पतली संकरी वो गलियाँ, खेतों में झूमें बालियाँ आमों के लटकते बौर… चलो चलें अब अपने…। बहती हवा सुहानी है खेतों में बहता पानी है, जोड़ी बैलों की … Read more

यशोदा तेरो कान्हा

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. यशोदा तेरो कान्हा, करत बरजोरी… हाथ जोड़ विनती करूं मैं, सुनत नहीं कोई बात मोरी। यशोदा तेरो… ठाड़े रहत कदम की छैया, आवत जात पकड़त मोरी बहियां, लाज ना आवत करत छिछोरी। यशोदा तेरो… नटखट श्याम लागे मोहे प्यारा, वृंदावन में रास रचाया कर प्रीत मैं तोसे … Read more