हो मुबारक ये प्यारी घड़ी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** आ गया साल इक्कीसवाँ,है सदी भी ये इक्कीसवीं।उम्र को वक्त ने दे दिया,हो मुबारक ये प्यारी घड़ी।आ गया… मेल ऐसा सदी बाद ही,वक्त का हो सकेगा कभी।खुशनसीबी हमारी यही,मिल गया वक्त से जो अभी।हम सभी की है किस्मत बड़ी,हो मुबारक ये प्यारी घड़ीllआ गया… पीढ़ियां बीत जातीं मगर,वक्त ऐसे … Read more

साल बीता पुराना

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** (रचना शिल्प:२१२ २१२ २१२ २१२) साल बीता पुराना,नया आ रहा।अलविदा और शुभ आगमन पा रहा॥साल बीता पुराना… अलविदा बीसवां साल अब पा रहा,साल इक्कीसवाँ जो दिये जा रहा।साल दो हैं मगर है सदी एक ही,एक जाने को है दूसरा आ रहा।साल बीता पुराना… कुछ दिया है हमें कुछ लिया … Read more

हिन्दी भाषा चमकती रहे

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** हिन्दी भाषा जगत में चमकती रहे,हिन्द की गूंज दुनिया में होती रहे।कितनी भाषा रची एक हिन्दी ने ही,गर्व हम हिंदुस्तानी ये क्यूं ना करें।हिन्दी भाषा… ऋषियों-मुनियों ने हिन्दी में ही जप किए,दे गए वर विधाता सभी के इसे।मान हिंदी का जग से कभी न मिटे,हो सम्मानित वही जो इसे … Read more

राष्ट्र के सच्चे हितैषी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** श्री अटल बिहारी वाजपेई:कवि व्यक्तित्व : स्पर्धा विशेष………. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी,की कवि व्यक्तित्व वाली शैली थी। थे प्रधानमंत्री भारतवर्ष के,राष्ट्र के सच्चे हितैषी थे वही।श्री अटल बिहारी… पत्रकार थे प्रखर वक्ता भी वही रहे,बात अपने दिल की वे कविता में कहते रहे।मानवता की मिसाल,खोट बिन अटल जी … Read more

दस्तूर

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** धूप भी छाँव भी दे जमीं को गगन,हर अंधेरा मिटाती गगन की किरण।जो रहे जल जमीं पर वो देती जमीं,साथ अपने उड़ाकर ले जाती पवन।धूप भी छाँव भी… लेन और देन का काम दोनों करें,सृष्टि दस्तूर दोनों निभाते रहें।खेल ऐसे विधाता के सबके लिये,एक संकेत मानें इसे सब अगर।हो … Read more

रौशनी की किरण

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** (रचना शिल्प:२१२ २१२ २१२ २१२) रौशनी की किरण दे जमीं को गगन।नीर देती जमीं साथ होती पवनll लेन और् देन के खेल दोनों करें,सृष्टि-दस्तूर जो ये अदा सब करें।जिन्दगी भी निभाए ये दस्तूर तो,जिन्दगी में खिलेंगे सुखों के चमन।रौशनी की किरण… हाल बदला करे वक्त सबके यहाँ,वक्त की हो … Read more

मानव हृदय की स्वार्थ की सोच दु:ख का कारण

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** सृष्टि के निर्माणकर्ता हमारे देवता ब्रह्मा, विष्णु,महेश ने सृष्टि बनाने से पहले, इसके सुचारु रुप से संचालन के विषय में सोचा। इसी आशय से देवताओं ने बहुत से तत्व ऐसे बनाए जिन्हें सृष्टि का प्राणी महसूस तो करता है,परन्तु देख नही सकता। जैसे हवा,किरण, खुशबू,वक्त इत्यादि। ऐसे तत्व जीवन … Read more

हालात

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** प्रभात,चौवीस वर्ष का गोरा-चिट्टा, नौजवान। सर्वगुण सम्पन्न,खेलकूद, पढाई-लिखाई,गीत-संगीत,जैसी हर कला में दक्ष। अपने कोमल,शीतल,मन से हर किसी का लुभावना। हर किसी से घुल-मिल जाता,और फिर सबको ऐसा लगता कि उसका साथ ही सबसे प्यारा,अच्छा है।गत २५ दिसम्बर को अपने जिले की क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व करने महाराष्ट्र प्रान्त के … Read more

वक्त का चमत्कार

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** वायु की तरह ही वक्त के भी कोई सिरे-किनारे या छोर नहीं होते। युगों-युगों से अब तक इस पल तक वक्त की गति पर कोई परिवर्तन नहीं हुआ। वक्त न तो कभी थमा,न ही इसकी गति बढ़ी। हाँ,इतना जरूर होता है कि वक्त स्वयं को बदलकर अपने दायरे … Read more

हालातों की धुरी पे सामाजिक संबंध

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. सामाजिक संबंधों में दूरी,हालात ही बनाते हैं, संबंधों की ही धुरी पर ये सृष्टि को चलाते हैं। सामाजिक संबंधों… बदलाव हालातों में करता,बदलकर वक्त है रुख अपने, फिर वक्तो-हालात के जैसे ही,संबंध भी बनते जाते हैं। सामाजिक संबंधों… हालातों ने अच्छे और बुरे,संबंध … Read more