प्याज के आँसू

हेमा श्रीवास्तव ‘हेमाश्री’ प्रयाग(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* अब रोना कैसा है बिना प्याज के! जब मैं रहती थी तुम्हारी टोकरी में, मुझे हाथ लगाते ही आँसू आ जाते थे अब क्यों मेरे…

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रक्षा.

हेमा श्रीवास्तव ‘हेमाश्री’ प्रयाग(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* बंधन नहीं बाधूँगी भैया, ना रक्षा का वचन लूँगी। प्राण से प्यारे मेरे विरना, स्वंय रक्षा का व्रत लूँगी॥ बलिहारी जाऊँ तुझपे मेरे भईया, पर…

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मजबूर

हेमा श्रीवास्तव ‘हेमाश्री’ प्रयाग(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* कुदरत को सभी फैसले मंजूर होते हैं। माँ-बाप भला बच्चों से कब दूर होते हैं। फुर्सत नहीं रही हमें उनकी फिकर करें- वो तो हमारी…

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जागी है विभा..

हेमा श्रीवास्तव ‘हेमाश्री’ प्रयाग(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* आँखें जगी है, रात सोई-सोई-सी बातें छिड़ी हैं। आँगन बीच, ये स्वप्निल नयन ये नभ झील। है मंद-मंद, चल रही पवन पलकें बंद। गुजर रही,…

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माँ, हम तुम्हें ही…

हेमा श्रीवास्तव ‘हेमाश्री’ प्रयाग(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… हम बड़े हो गए माँ,तुम्हें समझाने लगे हैं, हम तुम्हें ही तुम्हारे फर्ज गिनाने लगे हैं। तुम उँगली पकड़ के चलना…

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आम

हेमा श्रीवास्तव ‘हेमाश्री’ प्रयाग(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* भोर सुहानी कोयल है कूजती, बहती शीतल बयार आयी आम की बहार। रसाल फल तो है राजा जिसके बड़े भाग वही चाखा, खट्टेपन से लड़कर…

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संस्कृति का नव-वर्ष

हेमलता पालीवाल ‘हेमा’ उदयपुर (राजस्थान ) *************************************************** हिन्दुत्व का नव-वर्ष है, संस्कृति का उत्कर्ष है। नव पराग हुए अंकुरित, पुष्प हो गए सुगंधित चंहुओर उमंग,हर्ष हैl हिन्दुत्व का नव-वर्ष है,…

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जीत का लालच…

हेमा श्रीवास्तव ‘हेमाश्री’ प्रयाग(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* ओढ़ छतरी लोकतंत्र की जा पहुचे संसद नेता जी नोट गिनें और ओट लूटे बढ़ी समस्या जनता की। करते मत का हैं दुरुपयोग कुछ शकुनी…

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शीतला माँँ

हेमलता पालीवाल ‘हेमा’ उदयपुर (राजस्थान ) *************************************************** तन शीतल हो, मन भी शीतल हो। शीतलता हो चहुँओर, माता तुम शीतल हो। स्वच्छता का देती संदेश, यही तुमने धरा है भेष।…

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कुछ रँग जांबाजों के संग

हेमा श्रीवास्तव ‘हेमाश्री’ प्रयाग(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* कई रंगों से सराबोर होकर हमने होली बड़े उत्साह और उमंग के साथ अपने अपनों के साथ मिलकर मनाई। इस उमंग और उल्लास, हर्ष के…

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