अपने सर पे हम बाँध कर कफन चले
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान) *********************************************************************************- हम हैं ऐसे नौजवान कट ही जाए सर भले, आज अपने सर पे हम बाँध कर कफन चले। हम वतन की आबरू मिटने नहीं देंगे कभी, उठी गलत नजर तो आँख फोड़ देंगे हम अभी। जो गला विद्रोह की आवाज गर उठायेगा, बोलने से पहले ही हम काट देंगें … Read more