मैं और प्रेमिका
सुजीत जायसवाल ‘जीत’कौशाम्बी-प्रयागराज (उत्तरप्रदेश)******************************************* सब ज्योतिषी,पंडित बोलें,हस्त मेरे नहीं है प्रेम की रेखा,पर प्रणय के जल में भीगा,शाम जब उनको भीगते देखा।नैन में कजरा,नव पुष्प कली-सी,हैं वो मंद-मंद मुस्काती,शब्द नहीं मैं कैसे लिख दूँ,है मुख उनका नव चँद्र अनोखा॥ नव यौवन,मम हिय प्रिय वक्षस्थल,उनका नख है नुकीला,तुहिन सदृश वर्षा जल शोभित,तन स्पर्श से बना रसीला।प्रेम … Read more