मैं और प्रेमिका

सुजीत जायसवाल ‘जीत’कौशाम्बी-प्रयागराज (उत्तरप्रदेश)******************************************* सब ज्योतिषी,पंडित बोलें,हस्त मेरे नहीं है प्रेम की रेखा,पर प्रणय के जल में भीगा,शाम जब उनको भीगते देखा।नैन में कजरा,नव पुष्प कली-सी,हैं वो मंद-मंद मुस्काती,शब्द नहीं मैं कैसे लिख दूँ,है मुख उनका नव चँद्र अनोखा॥ नव यौवन,मम हिय प्रिय वक्षस्थल,उनका नख है नुकीला,तुहिन सदृश वर्षा जल शोभित,तन स्पर्श से बना रसीला।प्रेम … Read more

जीवन है बस नाट्य मंच

सुजीत जायसवाल ‘जीत’कौशाम्बी-प्रयागराज (उत्तरप्रदेश)******************************************* मृत्यु प्रेयसी नहीं बेवफ़ा न ही देगी किसी को धोखा,निर्धन हो या सम्राट अशोका,घी खा-चाहे खा बाटी चोखामाथ में शोभित दुर्घटना बिंदी बीमारी है हस्त की चूड़ी,बाढ़,भूकंप,निर्दयी ‘कोरोना’,हत्या धर रूप अनोखा। आई सीयू कक्ष में हो प्रस्तुत प्रेमिका मंद-मंद मुस्काती,भर निज बाँह चीरे चीरगृह में निर्वस्त्र देख इठलातीनव सोलह श्रंगार संग … Read more

ये कैसी आपदा…!

सुजीत जायसवाल ‘जीत’कौशाम्बी-प्रयागराज (उत्तरप्रदेश)******************************************* सहम गया हूँ देख कर छवि ये भावुकता से भर देय,काल ‘कोरोना’ के समय हाय रे बिटिया ही कांधा लेय…कण-कण वासी राम जी ये कैसी अब आपदा दीन,एक-एक कर अपने ही अपनों के बिन नौका खेय। माना मृत्यु का रूप विकट है पर ये संताप चरम है,बिन आक्सीजन निकलते प्राण-मृत्यु मेरा … Read more

प्यार नहीं प्रेम

डॉ. कविश्री जायसवालमेरठ(उत्तरप्रदेश)********************************** काव्य संग्रह हम और तुम से…. प्यार नहीं प्रेम करती हूँ तुम्हें,पाना नहीं जीना चाहती हूँ तुम्हें क्योंकिपकड़ना नहीं थामना चाहती हूँ तुम्हेंबाँधना नहीं समेटना चाहती हूँ तुम्हें।अब तोड़ना नहीं खोलना चाहती हूँ तुम्हें,पहचानना नहीं जानना चाहती हूँ तुम्हेंसंभालना नहीं निखारना चाहती हूँ तुम्हें,देखना नहीं महसूस करना चाहती हूँ तुम्हें।पास नहीं,साथ चाहती … Read more

जिंदगी का सफ़र

इलाश्री जायसवालनोएडा(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* कैसे यह ज़िन्दगी का सफ़र गया,मंजिल कहीं खो गई,रास्ता भी सिमट गया। तुझे सड़क के छोर पर खड़े देख,मैंने कदम बढ़ा दिएजब तलक पहुंची वहां,तू दूर और चला गया।मंजिल कहीं खो गई,रास्ता भी सिमट गया…॥ तुझे पाना मेरी चाहत थी,मुझपे खुदा की रहमत थीदिल की दुनिया आबाद करनी थी,न जाने तू क्या … Read more

मजदूरों का पलायन बनाम ‘कोरोना’

इलाश्री जायसवाल नोएडा(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* गरीब आदमी हर बात का मारा और हर चीज़ का भूखा होता है। कभी उसे किस्मत से मार मिलती है,कभी दुःख से मिलती है,कभी समाज से मार खाता है तो कभी प्रकृति से भी। उसकी भूख भी कभी नहीं भरती,न खाने की,न पहनने की,न धन की। ऐसी ही न जाने कितनी … Read more

महिला सशक्तिकरण और जागरूकता की आवश्यकता

इलाश्री जायसवाल नोएडा(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* महिला सशक्तिकरण आजकल एक ज्वलंत मुद्दा है,ज्वलंत प्रश्न है। `बेटी बचाओ,बेटी बढ़ाओ’,’महिला आरक्षण’ जैसी अनेक बातें हमें लगभग प्रतिदिन ही सुनने को या देखने को मिल जाती हैं। इनका प्रचार करने वाले भी पुरुष ही ज़्यादा होते हैं। हालांकि,स्त्रियां भी इसमें बढ़-चढ़ के हिस्सा ले रहीं हैं,तब भी बात इतनी बन … Read more

करें खुद से प्यार

इलाश्री जायसवाल नोएडा(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* ‘तंदुरुस्ती हज़ार नियामत है’,यह कहावत हम सबने हज़ार बार सुनी होगी,लेकिन मानी कितनी बार होगी ? यह मानने वाली स्त्रियां या तो होंगी ही नहीं,या ना के बराबर होंगी। इसी संदर्भ में दूरदर्शन पर बहुत समय पहले दिखाया जाने वाला विज्ञापन याद आ रहा है,जिसमें एक गर्भवती स्त्री को दिखाया जाता … Read more

अनुमति

इलाश्री जायसवाल नोएडा(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* गाँव जाने के लिए वह अपना सामान बांधने लगी। सब आश्चर्य में पड़ गए,पहले कभी वह इस तरह से गाँव नहीं गई थी। अब अचानक ….। उसके पति ने पूछा,-“यूँ इस तरह गाँव क्यों जा रही हो ? वहां तो तुम्हारा कोई भी नहीं है।” “मैं केशव जी के पास जा … Read more

त्योहार

इलाश्री जायसवाल नोएडा(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* काश! ये त्योहार सिर्फ त्योहार न होते, कोई,जादू की छड़ी होते जो दिल से दिल की कड़ी होते। मिट जाता हर दु:ख-दर्द, ऐसी जड़ी होते। किताबों में पढ़ी, लोगों से सुनी त्योहारों की परिभाषा, ये है,दिलों की आशा हरेक को करीब लाने की मंशा, पर मुझे ये सब,झूठी लगती हैं दादी … Read more