गरीबों की सुनो

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ******************************************************************* हैं ओ भी इंसान उनको,ज़रा दुलार दीजिए, दिल से गरीबों की ज़रूर मदद,यार कीजिए। आखिर क्यों ? इतनी नफ़रत उनके लिए यार, ना फर्क कभी,गली,गाँव और शहर कीजिए। कुंठा,हताशा,निराशा,बेबसी लिए ताक रहे, आह गरीबों की,कभी भी,ना यार लीजिए। अरमान उनके दिल में भी हैं,उड़ने के बहुत, आजाद पंछी हैं,मन … Read more

सोचने से मिला नहीं

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** जो सोचा पर किया नहीं, पछताने से मिला नहीं। बुझते दीए में तेल नहीं, लालच में वो मेल नहीं। अपने-अपनों का रिश्ता पर वो मोल नहीं। जो सोचा पर किया नहीं, पछताने से मिला नहीं। टूटे दिलों में जोड़ नहीं, गठ्ठर कोई तोड़ नहीं। जो सोचा पर किया नहीं, पछताने से … Read more

दौर कुछ ऐसा आया है..

तारकेश कुमार ओझा खड़गपुर(प. बंगाल ) ********************************************************** क्या कोलकाता,क्या खड़गपुर गया हो या टाटा, कोरोना वायरस से कांपी दुनिया गाँव-शहर है सन्नाटा। हर चेहरे पर चस्पा दहशत दौर कुछ ऐसा आया है, कैसी होगी भविष्य की दुनिया सोच कर दिल घबराया है। घर से चलेंगे बाबूओं के दफ्तर गरीब भटकेंगे दर-ब-दर, अहसास से मन अकुलाया … Read more

मुश्किल वक़्त गुज़र जाएगा

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** देख दुश्वारियाँ,बोला बूढ़ा शजर, है वक़्त मुश्किल,मगर,जाएगा ये गुज़र इम्तिहां की घड़ी है,जरा सब्र कर, है वक़्त मुश्किल,मगर,जाएगा ये गुज़रll हर बरस छीनती,बर्ग ये शाख से, ज़ीस्त मेरी,मगर,छीन सकती नहीं जाना होगा ख़िज़ां को,ये तय बात है, हौंसले से मेरे,जीत सकती नहीं हाँ,बहारें लिये,आएगी फिर सहर, है वक़्त मुश्किल,मगर,जाएगा … Read more

अहसास

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** `कोराना` सम व्याधि बहु,मनुज नहीं अहसास। हरित भरित सुष्मित प्रकृति,करता सत्यानासll लोभ मोह में जिंदगी,छल कपटी बस झूठ। प्रेम सत्य अहसास बिन,प्रकृति गयी नर रूठll परहित रत रवि शशि अनल,धरा व्योम जल वायु। नदी निर्झर सागर तरु,करे सृष्टि दीर्घायुll पा विवेक मति चिन्तना,सर्वोत्तम अहसास। अहंकार विषपान कर,मनुज करे … Read more

दृढ़ संकल्प का एक कदम बढ़ाएं

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ******************************************************************* मन से कुंठा हताशा मिटाकर,दृढ़ संकल्प का एक कदम बढ़ाएं, विषम परिस्थितियों से लड़ना है,सबके मन में यह भाव जगाएं। अखंड भारत फले-फूले सदा,स्वर्णिम इतिहास को नमन करें, हम सब हिंदुस्तानी मिलकर,एकता का अखंड दीप जलाएं॥ बैर शत्रुता होलिका दहन कर,प्रेम सुंदर सुमन बीज लगाएं, जातिवाद,छुआछूत दानव,देश समाज से … Read more

आराधन नवरात्र का

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** चैत्रशुक्ल शुभ प्रतिपदा,विक्रम संवत् वर्ष। सृष्टि सृजन प्रारब्ध दिन,हो जीवन उत्कर्ष॥ प्रथम विष्णु अवतार यह,महर्षि गौतम जन्म। आर्यसमाजी स्थापना,रामराज्य सद्धर्म॥ विक्रम का राज्याभिषेक,राजतिलक रघुराम। चैत्रमाह नवरात्र का,पुष्पित चहुँ अभिराम॥ हरित भरित पादप लता,कली कुसुम नवरंग। मादक मन रोचक सुरभि,जीवन खिले उमंग॥ खिली खिली सुष्मित प्रकृति, नयासाल चहुँओर। भरा … Read more

‘कोरोना’ से बचना है

डॉ.विजय कुमार ‘पुरी’ कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)  *********************************************************** बड़ा है फैला कोरोना का कहर, बन्द हो गये ये गाँव गली शहर। घर रहने को न समझो मजबूरी, हों काबू हालात,है तभी जरूरी। सेवारत हो लगे हुए हैं हमें बचाने, हूँ नतमस्तक धन्य हैं वे अवतारी। रात दोपहर सुबह शाम वे बिना थके, हाथ जोड़ समझाते सब … Read more

जागी दुनिया सारी

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** माना, ‘कोरोना’ का आना विपदा इस जग पर भारी है, किन्तु इसके आने से ही तो,जागी दुनिया सारी है। श्वेत वस्त्र,काले मन वाले दुष्ट सभी भयभीत हुए, जाति-धर्म का राग सुनाते शान्त सभी,वो गीत हुए। मौत के भय से छूमंतर देखो सब दंद औ फंद हुए, ज़हर उगलने वाले,सब … Read more

एकांतवास…

तारकेश कुमार ओझा खड़गपुर(प. बंगाल ) ********************************************************** वनवास हुआ ‘लॉकडाउन’ का एकांतवास, खलने लगी जबरदस्ती की आरामतलबी तड़पाने लगी वो स्थगित जिंदगी। फिर लौटे मैदानों में खेल पटरियों पर दौड़े धड़धड़ाती रेल। समझ आने लगी उन पलों की अहमियत, दोस्तों संग एक कुल्हड़ चाय की कीमत। भागे मनहूसियत,मिटे विधि का लेखा, लौटे रौनक,सजे दुनिया का … Read more