बलात्कारी भी हो सकता है मानव बम

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** मानव बम की खोज,किए मानव के दुश्मन, हत्या करते रोज,लूटकर मानवता धन। निर्दोषों को मार,स्वयं भी हैं मर जाते, मानवता का अन्त,खुदा के नाम लिखाते॥…

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शांति को दिल में बसाना चाहते हैं

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** शांति को दिल में बसाना चाहते हैं। भक्तिमय संगीत गाना चाहते हैं। नफ़रतें जग से मिटा कर यार हम तो, प्रेम की गंगा बहाना…

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मौत खड़ी फुफकारती

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** अनज़ान नहि इस लोक में,दाता हो या दीन। मौत खड़ी फुफकारती,पर चाहत भयहीन॥ झूठ कपट सोपान से,चढ़ लिप्सा परवान। जन्म मरण ध्रुव मानकर,बनता…

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कोलकाता की वो पुरानी बस और डराने वाला टिकट….!

तारकेश कुमार ओझा खड़गपुर(प. बंगाल ) ********************************************************** कोलकाता की बसें लगभग अब भी वैसी ही हैं जैसी ९० के दशक के अंतिम दौर तक हुआ करती थी। फर्क सिर्फ इतना…

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स्तरीय पत्रिकाएं बंद क्यों हुई ?

सुरेंद्र कुमार अरोड़ा ग़ज़ियाबाद(उत्तरप्रदेश)  ************************************************************************* आज मित्रों के बीच बातचीत में गंभीर चर्चा के दौरान अक्सर यह प्रश्न उठ जाता है कि ,"सत्तर-अस्सी के दशक की उच्चस्तरीय पत्रिकाएं,जैसे-साप्ताहिक हिदुस्तान,धर्मयुग के…

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जीवन में सफलता का मन्त्र है सकारात्मक सोच

राज कुमार चंद्रा 'राज' जान्जगीर चाम्पा(छत्तीसगढ़) *************************************************************************** आमतौर पर लोग ये कहते हैं कि "हमने तो पूरी कोशिश कि,पर काम नहीं हुआ",दरअसल अगर आप पूरी कोशिश करेंगे तो आप असफल…

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सुख की खाई को है पाटा

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* आज समस्या हुई अनेक, कैसे हो अब निराकरण आओ मिल-जुलकर करें, स्वच्छ चहुँ दिशि पर्यावरण। निर्मलता से वृक्षों को काटा, सुख की खाई को है…

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अंधेरी है रात..

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** अंधेरी है रात हम भटक गए हैं बाट, छूट गया है साथ बहुत बड़ी हो गई रात। कौशिक बोल रही है बिजली चमक रही है, बादल…

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सीमा का तिलक करती गाँव की माटी

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** शिवजी के धनुष पर विराजमान है काशी,और गंगा मैया काशी की अधिकांश सीमा को समेट लेने के लिए धनुषाकार हो गई है। दूरियों को मिटाती…

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तमिलनाडु में हिंदी का विरोध क्यों ?

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** केन्द्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति के मसौदे पर तमिलनाडु में विवाद का क्या कारण है,यह समझ से परे हैl हिंदी राष्ट्रभाषा विगत सौ वर्षों से…

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