यही हम बोलेंगे

लालचन्द्र यादव आम्बेडकर नगर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************************** इक बोगी में भर लो कई हजार, यही,हम बोलेंगे। जीवन जबकि,फंसा हुआ मझधार, यही,हम बोलेंगे। पटना जैसे स्टेशन पर, भीड़ लगी है भारी। मुंबई नगरी जाने वाले, जुटे हुए नर-नारी। इधर पसीने से भीगे हम सरकार, यही,हम बोलेंगे। जीवन जबकि,फंसा हुआ मझधार। यही,हम बोलेंगेll सीट ठसा-ठस भरी हुई, अगल-बगल … Read more

अत्याचार

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* शादी कर के लाये हो तुम क्यों करते हो अत्याचार, मात-पिता को छोड़ा मैंने छोड़ दिया सारा घर-बार। मैंने तो सोचा था जब मैं साजन के घर जाऊंगी, प्यार मिलेगा मुझको सबका दुनिया नयी बसाऊंगी। पर आकर ससुराल में मुझको ये कैसा उपहार मिला! प्यार के बदले साजन से … Read more

जानना होगा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* भला क्या है बुरा क्या है, मुझे ये जानना होगा बुरी राहों पे चलने से भी, खुद को टालना होगा। सिखाती है हमें ये जिंदगी, जीने के तरीके सबक जीने का मुझको भी, इसी से सीखना होगा। गले मिलते हैं दुश्मन भी, मुखौटा पहन यारी का है कौन अपना … Read more

पेड़ बचाओ

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* जीना हो सुख से तो भाई पेड़ लगाओ, बच्चों जैसी कर रखवाली उन्हें बचाओ। बारिश भी होती है इन पेड़ों के दम से, हरी-भरी हो धरा यही अभियान चलाओ। मत काटो पेड़ों को ये हैं प्राण हमारे, जन्म से मृत्यु तक आते हैं काम तुम्हारे। जंगल और पर्वत पर … Read more

दिल से दीवाली मनाएंगे

जसवंतलाल खटीक राजसमन्द(राजस्थान) ************************************************************* गया खुशियों का त्यौहार,आ गयी देखो दीवाली, ऐसा कुछ हम काम करेंगे,हर घर में मनेगी दीवाली। गरीब कुम्हार से दीपक ले के,उसकी रोशन शाम करेंगे, दिल से नफरत को मिटा के,अहम का सर्वनाश करेंगे। विदेशी चीजों को ठुकरा के,स्वदेशी को हम प्यार देंगे, ऑनलाइन कुछ ना खरीदें,हर एक वस्तु बाजार से … Read more

अमृत सुधा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* समुद्र मंथन प्रसंग…………. तपता सूरज आग लगाये चन्द्र सुधा बरसाये, बहुत जरूरी है दोनों ही मानव जीवन पाये। मथा जलधि को देव दानवों ने घट विष का पाया, कैसे सृष्टि बचेगी इससे समझ यही नहीं आया। देवों की विनती सुन भोले जहर पी गये सारा, इस सृष्टि को घोर … Read more

गाँवों को शहर खा गया

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* उजड़ रहे हैं गाँव बिचारे शहर खा गया गाँवों को, ऐसा लगता अपने हाथों काट रहा खुद पाँवों को। और बहुत की चाहत में खेती करना छोड़ दिया, बहुत कमायेंगे शहरों में, कहकर गाँव छोड़ दिया। मेहनत से रिश्ता तोड़ा, शहरों से नाता जोड़ा है, खून-पसीने से जो मिलता … Read more

लड़ते रहे शान्ति की लड़ाई

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  *********************************************************************************- देदी हमें आजादी वो गुजरात का था लाल, लाठी-लंगोटी वाले ने ये कर दिया कमाल। खायी थी कितनी लाठियाँ और जेल भी गये, अरमान दिल के फिर भी मिटने नहीं दिये। किया असहयोग आंदोलन,नमक बना दिया, अंग्रेजों भारत छोड़ दो ये नारा सही दिया। हर काम में अंग्रेजों के … Read more

भोर

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  *********************************************************************************- उगते हुए आदित्य की लाली को है मेरा नमन, छिपते हुए सूरज ने नभ को लाल लाल कर दिया। किरणें आयी भानु की जादू-सा हरसू हो गया, इस धरा को रोशनी से मालामाल कर दिया। खिल गये उपवन सभी औ खिल उठा सारा चमन, फूलों औ कलियों ने गुलशन … Read more

चाँदनी हँसती रही

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  *********************************************************************************- फूल पर मँडराया भँवरा,डालियाँ हिलती रही, खिलखिलाती कलियों के सँग चाँदनी हँसती रही। हँस लो जितना हँसना है,कल बीन कर ले जाएँगे, कलियाँ मुरझा-सी गयी और चाँदनी हँसती रही। सेज पर मधु यामिनी की दी बिछा इक शख्स ने, सिसकती कलियाँ रही और चाँदनी हँसती रही। देखता था मैं … Read more