भक्त वत्सला माँ दुर्गा

मधुसूदन गौतम ‘कलम घिसाई’कोटा(राजस्थान)************************************************** आज सुनाऊँ तुमको गाथा,धर्म सनातन भारी है,जिसमें ध्याते देव अनेक,सबकी महिमा न्यारी है। पर कलियुग में पाँच देव को,सबसे ज्यादा भजते हैं,करें उपासना सभी इनकी,इन्हें उपास्य…

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भगवान श्री गणेश के ८ अवतार

मधुसूदन गौतम ‘कलम घिसाई’कोटा(राजस्थान)************************************************************ गणेश चतुर्थी विशेष........... खास चतुर्थी भाद्र मास की,शुक्ल पक्ष की बेला है,श्री गणेश का जन्म दिवस है,जो रिद्धि-सिद्धि का छैला है।मात पार्वती ने गणेश को,तनिक मैल…

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हम आज़ाद शुरू से

मधुसूदन गौतम ‘कलम घिसाई’कोटा(राजस्थान)******************************************************************** स्वतंत्रता दिवस विशेष …….. किससे हम आज़ाद हुए,क्या आज़ादी यार,हम आज़ाद शुरू से हैं,जबसे है संसार। हमको बस गुलाम कहा,तोड़-फोड़ इतिहास,चमचों से लिखवा दिया कुछ बन…

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सैनिक को सजदा

मधुसूदन गौतम ‘कलम घिसाई’कोटा(राजस्थान)******************************************************************** सर्द काँपती जिसके डर से,आतप को भी आये पसीना।मातृभूमि पर मरकर सीखे,सैनिक असल में जीवन जीना।कदम बढ़े तो राह रोक ले,सर्दी गर्मी या बरसातें।ऐसे बदले बदले…

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प्रताप चेतक संवाद…

मधुसूदन गौतम ‘कलम घिसाई’ कोटा(राजस्थान) *****************************************************************************  ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. रजपूती घोड़ा है तू फिर बैठ गया क्यों थककर के, जाना बहुत दूर है चेतक हम दोनों को…

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समझौतों का जीवन

मधुसूदन गौतम ‘कलम घिसाई’ कोटा(राजस्थान) *****************************************************************************  समझौता के पहियों पर,जीवन चलता आया है, जिसने वरना जो चाहा,सबको कब मिल पाया है। आँख खुली तो समझौता,किस घर में मैं जन्म गया,…

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घमंड और रावण

मधुसूदन गौतम ‘कलम घिसाई’ कोटा(राजस्थान) *****************************************************************************  दशहरा निकल गया,रावण जल गया,पर मेरे मन में प्रश्न अनेक सिर उठा रहे हैं।आखिर यह नवराते वर्ष में २ बार क्यों आते हैं ?…

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हिंदीभाषा माला

मधुसूदन गौतम ‘कलम घिसाई’ कोटा(राजस्थान) *****************************************************************************  (तर्ज:चांदी की दीवार न तोड़ी, प्यार भरा दिल...,रचना विधान-१६,१४ पर यति वाला,ताटक छंद पर आधारित) हे हिंदी तू उर में सजती,सुमन सुगन्धित माला है,…

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