नारी के बिना कुछ मूल्य नहीं

डॉ.अर्चना मिश्रा शुक्लाकानपुर (उत्तरप्रदेश)*************************************** वैदिक युग में वह विदुषी थी,औ आदिकाल की वीरमतीकभी वीरमती-कभी कामिनी बन,बस यही रुप दिखलाती थी।फिर भक्तिकाल आते-आते,उसको फिर भक्ति के भाव दिएसूर की भक्ति में वत्सलता,औ तुलसी की भक्ति में त्यागमयी।फिर रीतिकाल आने पर वह,मदमस्त विलास की वस्तु बनीउसमें बस रति का रुप दिखा,अभिसारिका रुप दिखाते थे।स्वातन्त्र्यकाल आते-आते,सबला बन रुप … Read more

नारी

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… नारी भगिनी औ वधू,नारी नर की शक्ति,नारी जननी पुत्रियां,बिन नारी जग रिक्त। एक नारी जीवन में हर पल,संघर्ष सदा करती रहती।बचपन से वृद्धावस्था तक,बस घुट-घुट कर जीती रहती। वह इस दुनिया में आती जब,पितु मस्तक रेखाएँ छाती।निज नेह बांटकर अपनों को,सबके दिल में है छा जाती। आँगन … Read more

एक-दूजे के लिए…

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)******************************** महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… हाँ…ये सच है कि वज़ूद मेरा तुमसे है,परनज़र में आना ही काफ़ी नहीं होता साहब…आठों पहर मुझमें ही तो अक़्स तुम्हारे गुम से हैं…।ये भी तो सच है कि मेरे बग़ैर तुम्हारे इरादे सारे…कुछ भीगे-भीगे और कुछ नम से हैं…।बरस जाओ चाहे बदली बनकर आँचल में मेरे…पर इंद्रधनुष-सा रंग … Read more

मैं स्त्री हूँ

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… कभी देवी,कभी नदी,कभी झील,कभी धरती,कभी बसन्ती बयारकभी नीर बन जाती हूँ मैं,जिसने जिस नाम से आवाज दीउसे वैसी लगी हूँ मैं…। किसी ने कभी पूजा,तो किसी ने लगाया दाग दामन परकभी अपना,कभी पराया किया अपनों ने,कभी आकाश का चाँद कहा किसी ने…कभी धरा सी धूल मैं…कभी केंद्र … Read more

नयन

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** नयन-नयन की जब हुई,आपस में टकरार।उठा ज्वार उर उदधि में,फूट पडे़ उद्गार॥ नयन नशीले मद भरे,लब ज्यों सुर्ख पलाश।कंचन काया पर चढ़ा,यौवन का मधुमास॥ नयन-नयन में हो गई,पिय की पिय से बात।तन-मन पुलकित हो उठा,मचल गये जज्बात॥ नयनों में उलझे नयन,उर खो बैठा होश।मचल उठे जज्बात फिर,यह यौवन का दोष॥ अधर-अधर … Read more

मातृभूमि,संस्कृति और मातृभाषा का आदर करना चाहिए

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)******************************************* अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. ‘अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (हिन्दी)’ को मनाने का उद्देश्य है भाषाओं और भाषाई विविधता को बढ़ावा देना,लेकिन आज हम भारतीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग का संकल्प कर सकते हैं। वैसे,हिन्दी के लिए मातृभाषा का प्रश्न नहीं … Read more

हिंदी मानस में बसी

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. हिन्दी भाषा मातृ सम,जिसका अनुपम प्यार।सहज,सरल,बेहद मधुर,अति स्नेहिल व्यवहार॥ हिन्दी मानस में बसी,हिन्दी से ही मान।हिन्दी भाषा प्रेम की,हिन्दी से पहचान॥ हिन्दी करती हिन्द का,साहित्यिक श्रृंगार।सिखलाती है सभ्यता,दे स्नेहिल पुचकार॥ हिन्दी भाषी हम सभी,हिन्दी अपनी शान।आओ हिन्दी का करें,हम मिलकर उत्थान॥ हिन्दी अपनी अस्मिता,संस्कार अभिमान।करें सृजन … Read more

इंक़लाब की डगर चले वो

डॉ.नीलिमा मिश्रा ‘नीलम’ इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) ************************************************* शहीद चंद्रशेखर आजाद पुण्यतिथि(२७ फ़रवरी)विशेष…. जगरानी ने बेटा जायानाम चंद्रशेखर आजाद।अलीराजपुर जन्मस्थलीआज करें हम उनको याद।सीताराम तिवारी के घरख़ुशियों की आयी सौग़ात।भारत के कण-कण में जिसनेशब्द लिखा था ज़िंदाबाद। भील बालकों के संग खेलेबाण धनुष लेकर तलवार।जलियाँवाला की घटना नेमचा दिया था हाहाकार।इंक़लाब की डगर चले वोगूँजा भारत ज़िंदाबाद।जगरानी … Read more

मेरी मातृभाषा-मेरा सम्मान

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)******************************** अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. स्त्री के गर्भ में होती है,ईश्वर प्रदत्त एक अद्भुत मिट्टी…।जिसे अपनी ममता और असीम स्नेह,से गूंधकर स्त्री उसे देती है आकार…।माँ की स्नेहसिक्त धड़कनों से शिशु में,होता है जीवनदायिनी रक्त संचार…।नौ माह पश्चात होता है,प्यारा सृजन साकार…।माँ कराती बच्चे को जब,अमृत तुल्य दुग्ध आहार…।होने लगता अब शिशु में,अद्भुत … Read more

न बाँटो हमें

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** दर्द हमसे जिगर में न पाला गया,छीन उसका लिया क्यों निवाला गया।जो स्वयं एक उन्नति की बुनियाद है-उसको मुद्दा बनाकर उछाला गया॥ जाति व धर्म में तुम न बाँटो हमें,स्वार्थ में वृक्ष-सा तुम न काटो हमें।चाहते जो बनाना सियासत का घर-नींव के खंजडे़ सा न पाटों हमें॥ परिचय- शिवेन्द्र मिश्र का साहित्यिक … Read more