मन में नयी उमंग हो

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** कभी न डिगना चाहिए,करना सतत् प्रयास। सदा आत्म विश्वास से,पूरी होगी आस॥ बढ़ना निज कर्तव्य पर,करके दृढ़ विश्वास। तभी सफलता आपकी,आएगी घर पास॥ मन में नयी उमंग हो,होंठों पर मुस्कान। सदा आत्म विश्वास से,कठिन कार्य आसान॥ निज हित को पहचानिए,धीरज मन में धार। करो काम ईमान से,मुट्ठी में … Read more

एकता

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** अनेकता में एकता,भारत की पहचान। एक सूत्र में हैं बँधे,संस्कृति यहाँ महानll प्यारे-प्यारे फूल-सी,जाति वर्ण सम भान। अपने-अपने धर्म को,माने सभी सुजानll रंग भेद कुछ भी नहीं,भाई-भाई साथ। मिलकर करते काम हैं,ले हाथों में हाथll हिन्द हमारी जान है,हिंदी हिंदुस्तान। हिन्द महामानव बना,हिंदी से पहचानll गाँव-शहर में एकता,विपद … Read more

माता रानी

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** माता रानी अम्बिके,कर देना शुभ काज। आए तेरे द्वार पर,रखना सबकी लाज॥ रखना सबकी लाज,शरण में आज तिहारे। देखो हाहाकार,मचा है देश हमारे॥ कहे ‘विनायक राज’,करें क्या समझ न आता। तुमसे है अब आस,बचा लो जग को माता॥ कहना मेरा मान लो,हे जगजननी मात। जोत जलाऊँ आपकी,नव दिन … Read more

पर्यावरण सुधार लो

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. पर्यावरण सुधार लो,आओ पेड़ लगाय। तभी धरा सुन्दर लगे,मन हर्सित हो जाय॥ जीवन इनसे है जुड़ा,इनसे है संसार। इक-इक पौधा रोप लो,पर्यावरण सुधार॥ हरी-भरी हो ये धरा,सुन्दर दिखे जहान। पर्यावरणी सोच हो,भारत बने महान॥ देख प्रदूषण रोकता,वृक्ष लगे भरमार। शुद्ध हवा पानी मिले,जीवन … Read more

पथिक

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** पथिक- चलते-चलते तुम पथिक,राह न जाना भूल। सत्य मार्ग पर चल सदा,बन कर सुन्दर फूल॥ सहयोग- बड़े-बड़े से काम भी,होते हैं संजोग। मिलकर देते हैं सभी,अपना जब सहयोग॥ पंथ- चलना अपने पंथ पर,भूल न जाना यार। सफल काम होगा तभी,मान मिले संसार॥ मंजिल- मंजिल सबकी है अलग,अपनी अपनी … Read more

राग रंग है हर तरफ

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** होली- होली की अब धूम है,खेले राधे श्याम। बरसाना की कुंज में,ग्वाल बाल बलराम॥ रँगीला- श्याम रँगीला साँवरा,राधा रानी संग। भर पिचकारी मारते,भीगे सारी अंग॥ अबीर- रंग अबीरा ले चले,खेले होली फाग। नंद गाँव के छोकरे,छेड़े प्रियतम राग॥ उत्सव- उत्सव की अब धूम है,मन में है उल्लास। राग … Read more

रंग प्रीत के

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** रंग प्रीत के डाल के,मले गुलाली माथ। खेल रहे होली यहाँ,राधा मोहन साथ॥ बरसाना में धूम हैं,नाच रहे सब ग्वाल। गोप गोपियाँ मल रहे,रंगों से हैं गाल॥ पिचकारी हाथों लिए,दौड़ा दौड़ा जाय। छोटा कान्हा राधिका,प्रीत रंग बरसाय॥ होली आई प्रीत के,दुश्मन होते मित्र। रंगों की बौछार से,बने रँगीले … Read more

साजन

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** साजन से सजनी कहे,मिलने को बेताब। मन मेरा लगता नहीं,देखे सुन्दर ख्वाब॥ आया मौसम प्यार का,बिखरे रंग अनेक। साजन प्यारा है लगे,वो लाखों में एक॥ साजन बिन सजनी नहीं,इक-दूजे का साथ। कस्में-वादें कर चले,लेकर अपने हाथ॥ सपने सुन्दर साजते,साजन सजनी संग। मीठा-सा अहसास है,पुलकित होते अंग॥ चैन नहीं … Read more

वक्त कुछ कहना चाहता है

डोमन निषाद बेमेतरा(छत्तीसगढ़) ************************************************************ हर वक्त, जो कुछ न कुछ सिखाना चाहता है, कभी रूला कर कभी हँसा कर, जो सत्य है उसे दिखाना चाहता है, वक्त कुछ कहना चाहता है। गरीबी हो या अमीरी, जो भी,सभी को समझाना चाहता है, कभी गिरा कर कभी उठा कर, जो सत्य है उसे जताना चाहता है, वक्त … Read more

सदा ही प्रेम से बनते सब काज

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** छोटी-छोटी बात पर,कभी न लड़ना आज। रहो सदा ही प्रेम से,बनते हैं सब काज॥ बनते हैं सब काज,सहारा सब का बनना। भाई-भाई प्रेम,सदा जीवन भर करना॥ कहे ‘विनायक राज’,इसे समझो मत खोटी। सबका आज महत्व,बड़ी चाहे हो छोटी॥