क्या तेरा क्या मेरा है
राजेश पड़िहारप्रतापगढ़(राजस्थान)*********************************************************** जो पाप किये सर मेरे धरता,धर्म कर्म सब तेरा है।ये जीवन है दो दिन का,क्या तेरा क्या मेरा है। मैंने जब ये जीवन पाया,जोड़ जगत ने काट दिया,बाल रूप में ईश मानकर,हाथों विष क्यों छांट दिया।पल-पल जग में ढली शाम तो,होता गया सवेरा है,ये जीवन है…ll केवल रूदन हँसी थी मन में,कोई न … Read more