महकता है हरश्रृंगार
सपना परिहारनागदा(मध्यप्रदेश)********************************************************* उसका आँगन हरश्रृंगारसे महकता है,उसकी सुगन्ध सेकोई और बहकता है।भीनी-भीनी खुशबू जबरात को महकाती है,उसके आलिंगन मेंकोई और महकता है।जैसे हो कोई ये पुष्पप्रेम का प्रतीक,जिसे पाने को हरकोई तड़पता है।सुबह जो पेड़ पर शान सेसजा रहता है,बिखर जाता है वो रात मेंऔर जमीं पर महकता है।बहुत नज़ाकत है इसमेंजरा-सी हवा से बिखर … Read more