अंत भला तो सब भला

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ******************************************* मनुष्य जन्मकोई खेल नहीं है,जीवन जीना भीहै एक कला।कर भला औरों का,होगा तेरा भी भला।मिलेगी उसी को मंज़िल,जो जीवन पथ कीकठिन डगर पर,हिम्मत से है चला।बच जाएगा,हालात के तूफानों सेजो धीरज की,गोदी में पला।चूम लेगी सफ़लता,क़दम उसकेजो हर परिस्थिति के,सांचे में ख़ुद ढला।होंठों पर मुस्कान,शब्द मौन हो गएकर्म चक्र चलता रहे,हंगामा हो … Read more

तिरंगा प्यारा

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ******************************************* गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. देश हमाराहमको प्यारा,है सब देशों सेये न्यारा। हालात चाहेजो भी आए,जीता हरदमकभी न हारा।देश कीआजादी की ख़ातिर,शहीदों ने अपनाजीवन वारा। वीर जवानों नेरक्त से अपने,भारत माँ कारूप निखारा।आजादी केदीवानों ने,देश का बिगड़ाभाग्य सँवारा। जय-जवानजय-किसान,शास्त्री जी नेदिया ये नारा।गणतंत्र दिवस कीशुभ बेला में,फहराएंगे हमतिरंगा न्यारा॥ परिचय– श्रीमती तारा प्रजापत का … Read more

ज़माना

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ******************************************* ज़माना तो,आज भी वही हैजो कल था,बदलाव तोमनुष्य की,मानसिकता मेंआया है।भावनाएं,सिमट गई हैंमर गई हैंसम्वेदनाएं,निजी स्वार्थले आया है,रिश्तों में अलगाव।छूट गया है,संस्कारों का हाथऊंची हो गई है,मज़हब की दीवारेंअपनापन जैसे,रूठ गया है।हर कोई,खींच रहा है सुखअपनी ओर,सर्दी कीरजाई की तरह।न जाने कहाँ ?खो गया है वो,भोर का तारावो रात्रि का चाँद।कल-पुर्जों के,ज़माने … Read more

विदा करें ये साल

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ******************************************* आपदाओं से भरागुज़रा बीता साल,बुरा था सभी का हाल।आओ विदा करें,ना-मुराद ये साल॥ दर्द के साए मेंडरा-सा बीता साल,प्रकृति ने चली है चाल।आओ विदा करें,ना-मुराद ये साल॥ रोता बिलखता रहाबीता गुज़रा साल,कई को निगल गया काल।आओ विदा करें,ना-मुराद ये साल॥ रोजी-रोटी के लिएभटका पूरा साल,है फटेहाल।आओ विदा करें,ना-मुराद ये साल॥ भौंचक्का-सा आदमीनिरुत्तर … Read more

याद आता है मुझे…

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* देखकर दूरक्षितिज पर मिलता,मुस्कराती शाम सेढलता दिन।याद आता है मुझेउनसे वो पहला मिलन। कड़कती बिजलियों सेमेरा वो डर जाना,बरसते सावन कीबौछारों की मिट्ठी छुअन।याद आता है मुझे,उनसे वो पहला मिलन…। झील के किनारेवो चाँद की चाँदनी रात,हाथों में लिए हाथजब मिला था मन से मन।याद आता है मुझे,उनसे वो पहला मिलन…। छुप-छुप … Read more

रुकना कभी न राही

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* जीवन पथ केकिसी मोड़ पर,रुकना कभी न राही…चलते जाना है,बढ़ते जाना है। पतझड़ होया गुल खिले,सुख मिलेया दु:ख मिले,पर्वत होया खाई भाई,रुकना कभी न राही…चलते जाना है,बढ़ते जाना है। परिस्थितियों सेडरना नहीं,शिकवा-शिक़ायतकरना नहीं,हर बात मेंभलाई भाई,रुकना कभी न राही…चलते जाना है,बढ़ते जाना है। आंधी आएया तूफ़ान,मुश्किल में होचाहें जान,साथ तेरेतेरा सांई भाई,रुकना … Read more

चंचल मन

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* चलायमान चंचल मन,हवा की वेग से उड़ता हैबांझ के बेटे की तरह,ये मन मुझे छलता है।पाँव नहीं इसके मगर,फिर भी ये चलता हैपाने को माया खिलौना,हर पल ये मचलता है।ख़ुशी में फूल जाता है,आए दु:ख तो जलता हैसवेरे की लाली कभी,कभी शाम से ढलता है।इच्छाओं के आँचल तले,बच्चा-सा ये पलता हैचढ़ जाता … Read more

इस बार दीपावली

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष….. न चीनी रोशनी की लड़ियाँ,न पटाख़े,न ही फुलझड़ियाँमिट्टी के दीयों से,घर जगमगाएंगे।कुछ यूँ इस बार हम,दीपावली मनाएंगे॥ देंगे हम श्रद्धांजलि कर्मवीरों को,‘कोरोना’ में खोया है जिन हीरों कोउनके नाम श्रद्धा से दो दीप जलाएंगे।कुछ यूँ इस बार हम,दीपावली मनाएंगे॥ मुँह पर मास्क,दो गज की दूरी,बचाव है ये,न समझना … Read more

आज़ाद परिंदा

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* बेटी के लिए,अक्सर कहतेसुना है कि,बेटी तो चिड़िया है, एक दिन उड़ जाएगी।पर उड़ कर,जाएगी कहाँ ?मायके के पिंजरे से,निकलकरससुराल के पिंजरे में,रिश्तों के नाम परबस बदल दिए पिंजरे,पर वही बन्धन।खोल दो कभी तो,चिड़िया का पिंजराकाट दो कभी तो,उसके सब बन्धन।कभी तो साँस लेने दो,उसे खुले आकाश मेंकोई तो हो जो उसके,कोलम … Read more

मेरी पहचान हिंदी

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* हिंदी दिवस विशेष….. हिन्द देश के हम हैं वासी,हिंदी हमारी भाषा है।नाम हो इसका विश्व पटल पर,ये हमारी अभिलाषा है॥क़ीमत समझो स्वदेशी की,विदेशी का तिरस्कार करो।बोल-चाल में केवल हिंदी,हिंदी पर उपकार करो॥सिर्फ कानून की क़िताब में नहीं,व्यवहार में इसे लाना है।क़दर करो हिंदी की,जो मातृ-भाषा इसे माना है॥हिंदी में ही हो हमारे … Read more